भारत के 24 एयरपोर्ट 15 मई तक बंद

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की सामरिक स्थिति पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। इस बैठक में चीफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भाग लिया। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि 15 मई तक 24 प्रमुख एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा। बैठक में देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इससे पहले आज दिन में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों के दिग्गजों के एक समूह से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने मौजूदा हालात और विभिन्न मुद्दों पर दिग्गजों के साथ विस्तृत बातचीत की। इसमें पूर्व वायुसेना प्रमुख, सेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और अन्य दिग्गज शामिल थे, जिन्होंने देश की सेवा की है। विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने जानकारी दी कि तंगधार, उरी और उधमपुर जैसे सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की ओर से 36 स्थानों को निशाना बनाने का प्रयास किया गया। पाकिस्तान ने करीब 300 से 400 ड्रोन्स से हमला किया था।
उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि इस हमले में तुर्की में निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है। भारतीय वायुसेना ने तत्काल जवाबी कार्रवाई करते हुए एक ड्रोन काउंटर अटैक में पाकिस्तान की सर्विलांस रडार प्रणाली को पूरी तरह से तबाह कर दिया। कर्नल कुरैशी ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने अत्यधिक संयम बरतते हुए आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो, इसका विशेष ध्यान रखा।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने के बजाय नागरिक विमानों की आड़ में सैन्य हमले किए, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के विपरीत है। ब्रीफिंग के दौरान यह बताया गया कि हमले के समय कराची और लाहौर जैसे बड़े शहरों में यात्री विमान उड़ान भर रहे थे, जिससे कई निर्दोष जानें खतरे में पड़ गई थीं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई को “उकसावे वाली सैन्य रणनीति” करार देते हुए कहा कि तंगधार, उरी, पुंछ, राजौरी, अखनूर और उधमपुर में की गई गोलाबारी में भारतीय सुरक्षाबलों को कुछ नुकसान पहुंचा, लेकिन भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी सैन्य क्षति उठानी पड़ी है।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा ड्रोन हमले की असफल कोशिशों के बावजूद अपने हवाई क्षेत्र को खुला रखना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी है। उन्होंने पाकिस्तान पर नागरिक विमानों को सैन्य ढाल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया।

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