भारत के ड्रोन अटैक पर पाकिस्तान ने बार-बार बदले बयान, रक्षा मंत्री का अलग दावा तो सेना का अलग

नयी दिल्ली { गहरी खोज } :भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है। भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का न केवल करारा जवाब दिया बल्कि पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के कई ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को इस तरह से अंजाम दिया कि बात-बात पर परमाणु हथियारों की धमकी देने वाले पाकिस्तान की हेकड़ी निकल गई। 7 मई के कार्रवाई के अगले दिन भारत ने एक बार फिर से ड्रोन के जरिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की कोशिश की, लेकिन अब पड़ोसी मुल्क के हुक्मरान अपने बयान को बार-बार बदल रहे हैं। ये सभी बयान सोशल मीडिया पर मौजूद हैं।
भारत के द्वारा पाकिस्तान में ड्रोन हमले के बाद पाकिस्तान के अधिकारियों की ओर से जो प्रतिक्रिया सामने आई वो एक दूसरे मेल नहीं खाते हैं, जिससे उनके बयान में स्पष्ट असहमति दिखी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर ) के प्रमुख ने क्रमशः तीन अलग-अलग बयान दिए, जो एक-दूसरे से मेल नहीं खाते थे।
पहला बयान 8 मई को सामने आया। जिसमें पाकिस्तान आईएसपीआर प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने दावा किया था, भारत की ओर से भेजे गए सभी ड्रोन को मार गिरा दिया गया। यह बयान पाकिस्तान की ओर से भारत के ड्रोन हमले पर पूर्ण रूप से प्रतिक्रिया देने का संकेत था, लेकिन इसके बाद जो बाकी बयान सामने आये वो खुद ही पाकिस्तानी सुरक्षा की पोल खोलते दिखाई दिए।दूसरा बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का आया, जिन्होंने 8 मई एक टीवी इंटरव्यू में कहा भारत के ड्रोन 35,000 फीट की ऊंचाई से आ रहे थे। इनमें निश्चित रूप से कुछ उन्नत तकनीकी क्षमता थी, शायद ये स्टील्थ जैसी तकनीक से लैस थे, यह बयान ड्रोन की उच्च तकनीकी क्षमता की ओर इशारा करता है। उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि भारतीय ड्रोन को लेकर पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया। पाकिस्तान को प्रतिक्रिया तक का मौका नहीं मिला।तीसरा बयान 9 मई को सामने आया। यह बयान भी पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से ही आया। उन्होंने कहा कि हमने भारतीय ड्रोन को इंटरसेप्ट नहीं किया क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि हमारे ठिकानों से जुड़ी जानकारी उजागर हो। यह बयान पहले दिए गए बयान से पूरी तरह उलट था, जिसमें कहा गया था कि ड्रोन को गिरा दिया गया था, अब यह दावा किया गया कि पाकिस्तान ने जानबूझकर ड्रोन को नष्ट नहीं किया।
इस तरह से देखें तो भारत के ड्रोन अटैक को लेकर पाकिस्तान की ओर से तीन बयान सामने आए और तीनों अलग-अलग रहे और एक दूसरे से मेल नहीं खाते हैं। बयानों में साफतौर पर विसंगति देखने को मिली। बयानों में विसंगति पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच संभावित भ्रम और तालमेल की कमी को भी दिखाता है।