डीजीसीए ने बंदरगाहों की बढ़ाई सुरक्षा

मुंबई{ गहरी खोज } : मुंबई में नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) मुख्यालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सभी बंदरगाहों, टर्मिनलों, शिपयार्ड और जहाजों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। निर्देश के बाद मुंबई में तटीय क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बंदरगाह क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त द्वारा की गई। पनवेल, सासून डॉक, भाव का ढाका, इंदिरा डॉक और येलो गेट पर जेएनपीटी बंदरगाह के बाहर भारी पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया। डीजीसीए के महानिदेशक ने सभी बंदरगाह सुविधाओं के सभी मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों को आईटी और संचार प्रणालियों की सुरक्षा की समीक्षा करने और साइबर हमलों के खतरों को रोकने एवं कम करने के लिए उचित उपाय करने को कहा है। सुरक्षा प्रणाली को तत्काल प्रभाव से मारसेक स्तर-1 से मारसेक स्तर-2 तक बढ़ा दिया गया है।
डिप्टी नॉटिकल एडवाइजर-कम सीनियर डीडीजी (टेक) कैप्टन नितिन मुकेश ने एक एडवाइजरी में कहा,“यह निर्देश राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा के हित में जारी किया गया है और इसे अत्यंत तत्परता और प्राथमिकता के साथ लिया जाना चाहिए। सख्त अनुपालन अपेक्षित है और किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लिया जाएगा।” यह एडवाइजरी ऑल इंडिया सीफेयरर्स यूनियन (एआईएसयू) ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है,“हाल के घटनाक्रमों और भारतीय तट पर संभावित खतरों के बारे में बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर, बंदरगाह, टर्मिनल और जहाज बढ़े हुए सुरक्षा जोखिम की अवधि के दौरान अतिरिक्त सुरक्षात्मक उपायों को लागू करने की आवश्यकता पर जोर देंगे।”
एडवाइजरी में सभी बंदरगाहों, टर्मिनलों और शिपयार्डों को तत्काल प्रभाव से अंतर्राष्ट्रीय जहाज और बंदरगाह सुविधा सुरक्षा कोड – आईएसपीएस सुरक्षा स्तर 2 – तक उन्नयन सहित उच्च समुद्री सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए कहा गया है। भारतीय उपमहाद्वीप और पड़ोसी देशों में और उसके आस-पास चलने वाले सभी भारतीय ध्वज वाले जहाजों को सुरक्षा स्तर-2 तक बढ़ाने और जहाज सुरक्षा योजना (एसएसपी) के अनुसार लागू सुरक्षा उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।