भूतपूर्व सैनिकों ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भूतपूर्व सैनिकों के अनेक संगठनों ने भारतीय सेनाओं के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तानी सेना की भारतीय क्षेत्रों में हमले की नाकाम कोशिश तथा नियंत्रण रेखा पर फायरिंग की घटनाओं के बाद उत्पन्न गंभीर संघर्ष की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को पत्र लिखकर स्वयंसेवक के रूप में सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने की पेशकश की है।
ब्रिगेडियर बलबीर सिंह साम्बियाल (सेवा निवृत) ने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर कहा है कि हाल ही में पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने पूर्व सैनिकों की ओर से कहा , “ देश के जिम्मेदार नागरिक और सेवानिवृत्त होने के नाते हमारी मातृभूमि के लिए दिल अभी भी धड़कता है, इसलिए हम अपने कौशल और सेवाओं का योगदान देना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की भड़काने वाली कार्रवाई स्थिति को बिगाड़ सकती है इसे देखते हुए अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद सुरक्षा बलों , अधिकारियों और संगठनों के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है।
भूतपूर्व सैनिकों के अन्य संगठनों की ओर से भी इसी तरह के पत्र लिखकर अपनी सेवाएं देने की पेशकश की गयी है।

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