सिन्दूर गंवाने वाली महिलाओं को मिला सुकून

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sindoor

संपादकीय { गहरी खोज }: 22 अप्रैल को पहलगाम में जब निर्दोष पर्यटकों को धर्म पूछकर मारा जा रहा था, तब एक महिला ने कहा था कि मेरे पति को मार दिया तो मुझे भी मार दो। इस पर आतंकी ने कहा था जाकर मोदी को बता दो कि क्या हुआ था। मोदी सरकार द्वारा आतंकियों के ठिकानों पर हमला कर ध्वस्त करने की कार्रवाई ने आतंकियों को मोदी का जवाब मिल गया है। भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई में 100 के करीब आतंकियों के मारे जाने का समाचार है। ‘सिन्दूर’ भारतीय महिलाओं के सुहाग की निशानी है।’ आप्रेशन सिन्दूर’ ने उन सुहागिनों को जिनके पतियों को उनके सामने मारा गया था, को सकून दिया है। यह बात पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जिनके सिन्दूर मिटा दिए गए उन महिलाओं द्वारा प्रकट भावों से स्पष्ट है। हमले में शहीद नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल ने कहा कि मेरे पति लोगों की जान बचाना चाहते थे। वह यह चाहते थे कि इस देश में नफरत और आतंक ना हो, मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि इसे यहीं खत्म न करें। मैं चाहती हूं कि वे यह पक्का करें कि यह हमारे देश में आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत है। जिन्हें हमने खो दिया है, वे कभी वापस नहीं आएंगे। लेकिन सेना की यह कार्रवाई, यह शक्तिशाली प्रतिक्रिया, उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि है। आतंकवादियों ने सिर्फ लोगों पर हमला नहीं किया, उन्होंने भारत की आत्मा पर हमला किया। भारत ने उन्हें उनकी जगह दिखा दी है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और सम्मान का मामला है। सिंदूर ऑपरेशन राजनीति से ऊपर है। यह न्याय के बारे में है, चुनाव के बारे में नहीं। अनुष्का मोने, अतुल मोने की पत्नी, मुझे देश पर गर्व है। मेरी प्रधानमंत्री मोदी से प्रार्थना है कि ऐसे हमले करते रहें और पाकिस्तान को मिटा दें। मेरा बेटा सुमित 12वीं में था। वह कहता था कि भारतीय सेना में शामिल होगा। लेकिन आतंकवादियों ने मेरे बेटे और पति को मार डाला। मैं पाकिस्तान का सफाया होते देखना चाहती हूं। काजलबेन परमार, पति यतीश भाई परमार और बेटे को खोया, ऑपरेशन सही है। उन चार लोगों (पहलगाम के हमलावरों) को भी मौत के घाट उतारा जाना चाहिए। उन्होंने बिना किसी डर यह काम किया, जो जानवर भी नहीं करते। हमें न्याय चाहिए। उन लोगों को उसी तरह की सजा मिलनी चाहिए, जैसा उन्होंने किया। जेनिफर, सुशील नाथनियल की पत्नी, मैं पहलगाम आतंकी हमले में मेरे पति की मौत का बदला लेने के लिए पीएम मोदी और सभी सेना प्रमुखों को धन्यवाद देना चाहती हूं। मुझे और मेरे पूरे परिवार को प्रधानमंत्री मोदी और हमारे सशस्त्र बलों पर पूरा भरोसा था। यह जवाबी हमला आतंकवादियों को भविष्य में निर्दोष लोगों पर इस तरह के हमले करने से रोकेगा। पीएम मोदी ने अपना वादा निभाया है। भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई ने दुनिया को यह साफ संदेश दिया है कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों को खोज निकालेगा और उन्हें सजा देगा। यह मेरे पति (शुभम) और पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है। मेरे पति जहां भी होंगे, आज उन्हें शांति मिलेगी। ऑपरेशन के लिए सिंदूर नाम चुनने पर मुझे खुशी है इससे हमारे बीच विश्वास पैदा हुआ है कि वह हमारे साथ खड़े हैं। ऐशान्या, शुभम द्विवेदी की पत्नी शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने कहा, सेना के उठाए गए कदम ने देश की सरकार में विश्वास की भावना पैदा की है। मैं भारतीय सेना को सलाम करता हूं। जब से हमने यह खबर सुनी है, मेरा पूरा परिवार राहत और सुकून महसूस कर रहा है। अगर भविष्य में पहलगाम जैसी घटनाओं से बचना है तो पूरे पाकिस्तान को उड़ा देना चाहिए। ऐसा होना ही था। पहलगाम में इतनी बड़ी घटना हुई। हमारी सरकार ने हमले किए हैं। सिर्फ घाटी को नहीं, पूरे पाकिस्तान को उड़ाना चाहिए। सबरी, कोलकाता के समीर गुहा की पत्नी इसके लिए मैं आभार व्यक्त करती हूं, क्योंकि पीएम मोदी ने पाकिस्तान को ये दिखा दिया है कि हम भी चुप बैठने वालों में से नहीं है। आतंकवादियों ने जिस तरह हमारी बेटियों का सिन्दूर मिटाया, उसके बाद यह करारा जवाब है। इस आप्रेशन का नाम सुनते ही मेरी आंखों में आंसू आ गए। प्रगति, संतोष जगदाले की पत्नी। आतंकियों के हमले में मारे गए लोगों के माता-पिता, बहन-भाई व रिश्तेदारों द्वारा प्रकट भावों से भी समझा जा सकता है कि भारतीय सेना द्वारा किए ‘आप्रेशन सिन्दूर’ ने पीड़ित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगा सुकून दिया है। भविष्य में किसी महिला का सिन्दूर मिटाने से पहले आतंकी सौ बारे सोचेंगे। सेना की कार्रवाई की गौरवगाथा जिस प्रकार कर्नल सोफिया कुरैशी व विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने सुनाई वह भी भारतीय नारी शक्ति का एक उदाहरण है, जिस पर भारतीयों को गर्व है।

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