राहुल गांधी को शंकराचार्य ने किया हिंदू धर्म से बहिष्कृत, संसद में मनुस्मृति पर बयान बना कारण

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: अमेठी से सांसद राहुल गांधी एक बार फिर धार्मिक विवादों के केंद्र में हैं। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रविवार को उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की सार्वजनिक घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब राहुल गांधी को हिंदू नहीं माना जाएगा, और उनसे जुड़े सभी धार्मिक कार्यों पर रोक लगनी चाहिए।
शंकराचार्य का यह फैसला राहुल गांधी द्वारा संसद में मनुस्मृति को लेकर दिए गए बयान के बाद आया है। राहुल गांधी ने कहा था, “मैं मनुस्मृति को नहीं मानता, मैं संविधान को मानता हूं।” इस बयान को शंकराचार्य ने हिंदू धर्म का अपमान बताया और स्पष्टीकरण मांगते हुए तीन महीने पहले पत्र भी भेजा। लेकिन राहुल की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
शंकराचार्य ने कहा, “राहुल गांधी ने मनुस्मृति को सार्वजनिक रूप से नकारा है, जो हर हिंदू के लिए एक धर्मग्रंथ है। यह सीधा धर्म का अपमान है। जब किसी व्यक्ति को बार-बार अवसर देने के बाद भी वह न माफी मांगता है और न ही सफाई देता है, तब धर्म की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाना पड़ता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब पंडित और पुरोहित राहुल गांधी के लिए कोई पूजा-पाठ न करें, न ही उन्हें हिंदू मंदिरों में प्रवेश दिया जाए। यह अपील उन्होंने सभी हिंदू संस्थाओं और धर्माचार्यों से की है। इस फैसले पर राजनीतिक और धार्मिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं। कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।