छात्रा की आत्महत्या मामला, सड़क पर उतरे लोग, ऊसराहार प्रभारी को निलंबित करने की उठाई मांग

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इटावा { गहरी खोज }: इटावा के ऊसराहार में संप्रदाय विशेष के युवक की छेड़खानी और धमकियों से परेशान बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इससे आक्रोशित ग्रामीण शव घर में रखकर थाना प्रभारी मंसूर अहमद को निलंबित करने की मांग की। इस दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 12 पुलिसकर्मी, पीएसी के जवान, दो सीओ समेत एसडीएम मौके पर मौजूद हैं।इटावा ऊसराहार संप्रदाय विशेष के युवक की छेड़खानी और धमकियों से परेशान 19 वर्षीय छात्रा ने जहर खा लिया था। इलाज के दौरान शुक्रवार को सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में छात्रा ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने पहले ही युवक के खिलाफ थाने में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि शिकायत के बावजूद आरोपी लगातार बात करने के लिए धमकाता रहा और दबाव बनाता रहा, जिससे आहत होकर छात्रा ने यह कदम उठाया।
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि पीड़ित पिता की तहरीर के आधार पर मुख्य आरोपी और एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। स्थिति को देखते हुए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। मामले की जांच जारी है।
बता दें कि घटना ऊसराहार थाना क्षेत्र के एक गांव की है। छात्रा के पिता दिल्ली में मजदूरी करते हैं। घर पर मां और बेटी रहती थीं। पड़ोस में रहने वाला युवक लंबे समय से छात्रा को मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेज रहा था और मुलाकात के लिए दबाव डाल रहा था। छात्रा के भाई ने बताया कि 24 अप्रैल को आरोपी ने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। 26 अप्रैल को परिजनों ने थाने में आरोपी व उसके दो साथियों के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
परिजनों का कहना है कि शिकायत के बाद भी आरोपी और उसके साथी धमकाने पीड़ित के घर पहुंच गए। हताश छात्रा ने उसी रात जहरीला पदार्थ खा लिया। गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। देर रात पुलिस ने 115/2, 352/351(3) बीएनएस एवं 66डी आईटी एक्ट आत्महत्या को उकसाने के लिए मुकदमा दर्ज करते हुए दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया।
आरोप है कि शुक्रवार देर रात जब छात्रा का शव पोस्टमार्टम हाउस लाया गया तो कर्मचारियों ने उसे खराब डीप फ्रीजर में रखने का प्रयास किया। इस पर परिजनों ने हंगामा किया। आधे घंटे बाद दूसरे चालू फ्रीजर में शव को स्थानांतरित किया गया। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि शव को मौत के दस घंटे बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया जिससे शरीर की स्थिति और बिगड़ गई।

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