पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का उदयपुर में अंतिम संस्कार, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत ने दी श्रद्धांजलि
 
                उदयपुर, { गहरी खोज }: पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. गिरिजा व्यास का गुरुवार को अहमदाबाद में निधन हो गया था। उनकी पार्थिव देह देर रात उदयपुर लाया गया। शुक्रवार सुबह उनका पार्थिव शरीर जनता के अंतिम दर्शन के लिए देवतामगरी स्थित उनके आवास पर रखा गया है। उनका अंतिम संस्कार आज शाम 4 बजे उदयपुर में किया जाएगा। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, भाजपा विधायक दीप्ति महेश्वरी, फूल सिंह मीणा, तारा चंद जैन और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी मौजूद रहे।
इस दौरान बीजेपी विधायक दीप्ति महेश्वरी ने गिरिजा व्यास को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “गिरिजा व्यास जी का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनका लंबा और प्रेरणादायक राजनीतिक करियर रहा। मेरे मन में उनकी कई यादें हैं। मैं एक खास वाकया साझा करना चाहूंगी। जब गिरिजा व्यास और मेरी मां किरण माहेश्वरी सांसद चुनी गई थीं, तब मैं 17-18 साल की थी। हम संसद भवन देखने गए थे। गेट पर गिरिजा व्यास मिलीं और उन्होंने मां को इतने स्नेह से गले लगाकर बधाई दी और उनके करियर के लिए शुभकामनाएं दीं। मैंने मां से पूछा कि आप दोनों तो चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ लड़े, फिर यह स्नेह कैसे? मां ने कहा कि चुनाव अपनी जगह है, लेकिन व्यक्तिगत व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह मुझे बार-बार याद आता है। गिरिजा व्यास का लोगों के प्रति व्यवहार और नेतृत्व अद्भुत था। उन्होंने महिलाओं को उस दौर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और जनता की सेवा पर जोर दिया। मैं उन्हें नमन करती हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिवार को इस दुखद समय में हिम्मत प्रदान करें।”
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भावुक होते हुए कहा, “गिरिजा व्यास जी के निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। उनका निधन मेरे और मेरे परिवार के लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने राजनीति में सादगीपूर्ण और संवेदनशील नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। मुझे हमेशा उनका स्नेह, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन मिलता रहा। लगभग 25 साल पहले मुझे कांग्रेस पार्टी की औपचारिक सदस्यता गिरजा जी के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनके हस्ताक्षर से ही मिली थी। आज उनके निधन से कांग्रेस पार्टी ने अपना एक सच्चा सिपाही खो दिया। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें।”
आपको बता दें, डॉ. व्यास 31 मार्च को उदयपुर स्थित अपने घर में गणगौर की पूजा करते समय गंभीर रूप से जल गई थीं। आरती के दौरान दीपक से उनके दुपट्टे में आग लग गई। एक घरेलू नौकर ने तुरंत उनकी मदद की और उदयपुर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए अहमदाबाद रेफर कर दिया गया। भाई गोपाल शर्मा के अनुसार, उनकी हालत में शुरुआत में सुधार के संकेत मिले थे, लेकिन पिछले दो दिनों में उनकी हालत बिगड़ गई। 1 मई को उनकी मौत हो गई। दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां उदयपुर उनके आवास पर पंहुचीं।

 
                         
                       
                      