जाति जनगणना जनता की मांग, पीएम मोदी ने किया भावनाओं का सम्मान: अर्जुन राम मेघवाल

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बीकानेर { गहरी खोज }: केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को बीकानेर दौरे के दौरान कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने जातिगत जनगणना, सिंधु जल समझौता और अंबेडकर-अखिलेश फोटो विवाद पर भी अपनी राय रखी।
जातिगत जनगणना मामले में मेघवाल ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “2013 में मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे, तब भी जातिगत जनगणना हुई थी, लेकिन आंकड़े क्यों नहीं जारी किए गए? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामाजिक न्याय में विश्वास रखते हैं। वे पिछड़े, वंचित, शोषित और गरीब वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में जातिगत जनगणना का निर्णय लिया गया है। साल 2013 में लोकसभा में इस मुद्दे पर बीजेपी समेत सभी दलों ने हिस्सा लिया था और व्यापक चर्चा हुई थी।”
पहलगाम आतंकी हमले को दुखद बताते हुए मेघवाल ने सिंधु जल समझौते पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “इस पर कई बार बातचीत हुई, विवाद भी हुए। अब प्रधानमंत्री मोदी ने इसे खारिज कर दिया है, जिसके विरोध में पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान में प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत सरकार ने जो भी फैसला लिया है, वह देशहित में है।”
अर्जुन राम मेघवाल ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें एक पोस्टर में उनके चेहरे का आधा हिस्सा बाबासाहेब के चेहरे के आधे हिस्से में मिला हुआ दिखाया गया था। यह बाबासाहेब का घोर अपमान है। हम इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी बाबासाहेब की विचारधारा से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती। वे हमेशा से ही आरक्षण के विरोधी रहे हैं। मोदी सरकार सामाजिक समावेशन और विकास के लिए निरंतर काम कर रही है और हम आगे भी करते रहेंगे।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने केंद्र सरकार की ओर से जातिगत गणना के फैसले पर राहुल गांधी की ओर से क्रेडिट लिए जाने की कोशिश पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “जब इन लोगों के पास मौका था, तब इन्होंने जातिगत गणना क्यों नहीं कराई? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं और यह जनता की मांग थी, इसलिए केंद्र ने यह फैसला लिया।”

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