प्रभावी संस्थानों के लिए करुणामय प्रशासन आवश्यक: सत्यार्थी

नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने लोक प्रशासन में करुणामय शासन की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए कहा है कि सहानुभूति, गहन सुनवाई और नैतिक उत्तरदायिता की भावना पर आधारित शासन उत्तरदायी और प्रभावी संस्थानों के निर्माण के लिए आवश्यक है।
श्री सत्यार्थी ने गुरुवार को जयपुर के बाल आश्रम में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक समाज की नैतिकता लगभग खत्म हो रही है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने शासन प्रणाली में कृतज्ञता और मानवीय संबंधों के नवीनीकरण का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि प्रशासन में सहानुभूति और गहराई से सुनने की भावना होना आवश्यक है। लोकसेवक को नैतिक रुप से उत्तरदायी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहानुभूति की भावना संस्थानों को उत्तरदायी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।