विनायक चतुर्थी के दिन जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, हर मनोकामना हो जाएगी पूरी!

0
baae6681b6fc466b164a351bb88db87b

धर्म { गहरी खोज } :हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विनायक चतुर्थी व्रत काफी महत्वपूर्ण बताया जाता है। ऐसा कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से विनायक चतुर्थी का व्रत रखता है, उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इसे कई जगह वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। आज यानी 1 मई 2025 को वैशाख माह का विनायक चतुर्थी व्रत रखा जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन विनायक चतुर्थी की व्रत कथा का पाठ करना लाभकारी होता है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं वैशाख विनायक चतुर्थी की व्रत कथा।

विनायक चतुर्थी व्रत कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव और माता पार्वती नर्मदा नदी के किनारे चौपड़ खेल रहे थे। उन्होंने खेल के निर्णायक के लिए एक बालक बनाया और उसमें प्राण डाल दिए। माता पार्वती इस खेल में लगातार तीन बार जीतीं, लेकिन जब उस बालक से विजेता का नाम बताने के लिए कहा गया तो उसने शिव जी को विजेता घोषित कर दिया।

इस बात पर माता पार्वती को गुस्सा आ गया और उन्होंने बालक को अपाहिज होने का श्राप दे दिया। बालक ने माता पार्वती से माफी भी मांगी। इसपर माता पार्वती ने कहा कि एक बार श्राप देने के बाद वापस नहीं लिया जाता है, इसलिए अगर तुम इससे मुक्ति पाना चाहते हो, तो एक साल बाद नाग कन्याएं आएंगी, उनसे व्रत की विधि जानकर गणेश जी का व्रत विधि-विधान से करो। ऐसा करने से तुम श्राप से मुक्त हो जाओगे

बालक ने नाग कन्याओं से व्रत की विधि जानकर पूरे 21 बार गणेश जी का व्रत किया। बालक से प्रसन्न होकर गणेश जी ने उससे वरदान मांगने को कहा। बालक ने वरदान मांगा कि वह अपने पैरों से कैलाश पर्वत जा सके। गणेश जी ने वरदान दिया और वह बालक कैलाश पर्वत पर जा पहुंचा। जब शिवजी ने बालक को देखा तो वे हैरान हुआ और फिर उस बालक ने शिवजी को अपनी कथा सुनाई।

इसके बाद शिवजी ने भी रुष्ट माता पार्वती को मनाने के लिए गणेश जी का व्रत किया और इस व्रत की महीमा से माता पार्वती भी मान गईं। इसके बाद माता पार्वती ने भी विनायक चतुर्थी का व्रत किया और इससे कार्तिकेय उनके पास आए। ऐसा कहते हैं कि तभी से विनायक चतुर्थी का व्रत सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला माना गया।

विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व
विनायक चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसा कहते हैं कि इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। विनायक चतुर्थी पर गणपति बप्पा की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *