पहलगाम हमले की संसद में चर्चा जरूरी, इस मुद्दे पर देश एक साथ खड़ा है : संदीप दीक्षित

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा को लेकर संसद के विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की तरफ से पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई है। पार्टी नेताओं की इस मांग का कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी समर्थन किया है।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि विपक्ष के लोग चाहते हैं कि संसद में चर्चा हो, ताकि सभी लोग अपनी-अपनी बातें रख सकें। अगर सरकार को भी कुछ बोलना होगा तो उनकी तरफ से अपनी बात रखी जा सकेगी। संसद में कोई पक्ष या विपक्ष नहीं होगा बल्कि वहां पूरा भारत एक साथ खड़ा दिखाई देगा और इससे लोगों तक एक अच्छा संदेश भी जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने खुद देखा है कि जब भी कोई बड़ी घटना हुई है तो इस तरह के सत्र बुलाकर चर्चा की गई है। अभी मानसून सत्र शुरू होने में समय है और ऐसे में अभी एक या दो दिन का विशेष सत्र बुला लिया जाए तो बहुत अच्छी बात होगी।”
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को ऑल पार्टी मीटिंग में शामिल होते हुए सभी को संबोधित करना चाहिए था, क्योंकि जब भी कोई बड़ी त्रासदी आती है तो हम ये उम्मीद करते हैं कि परिवार के मुखिया को उस समय मौजूद होना चाहिए। जब देश पर कोई संकट आता है तो प्रधानमंत्री ही हमारे मुखिया होते हैं और यहां कोई पक्ष या विपक्ष नहीं होता है, ये प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी भी बनती है।
पहलगाम हमले के आतंकियों के घर गिराए जाने पर टीएमसी सांसद सागरिका घोष के बयान पर संदीप दीक्षित ने कहा, “आतंकवादियों के घर गिराकर उनके खिलाफ कार्रवाई करना, मुझे इसमें कोई सीधा संबंध नहीं दिखता। फिलहाल, तेजी से घटनाक्रम हो रहे हैं और सुरक्षा और जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। हम सबसे ज्यादा यही चाहते हैं कि इन लोगों की जल्द से जल्द पहचान हो। पूरा विवरण अभी भी स्पष्ट नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “सभी को याद है कि जब कश्मीर में घुसपैठ हुई थी तो पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि कबालाइयों ने किया है, लेकिन बाद में पता चला था कि पाकिस्तानियों ने ये घुसपैठ की है। पाकिस्तान की ये पुरानी आदत है कि वह किसी न किसी की वेशभूषा धारण करता है और फिर बाद में किसी और पर इल्जाम लगा देता है। मुझे लगता है कि अब पाकिस्तान की चालाकी ज्यादा लंबे समय तक नहीं चलेगी।”

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