वडोदरा और अलीगढ़ में पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में बाजार बंद, जनता में आक्रोश

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वडोदरा/ अलीगढ़{ गहरी खोज }: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में देशभर में गुस्सा और शोक का माहौल है। गुजरात के वडोदरा में ऐतिहासिक मंगल बाजार की 800 से अधिक दुकानें सोमवार को बंद रहीं, जबकि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में सभी प्रमुख बाजारों और निजी स्कूलों ने पूर्ण बंद का ऐलान किया। दोनों शहरों में व्यापारियों, स्कूल संचालकों और आम नागरिकों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया।
वडोदरा के मंगल बाजार व्यापार विकास महाजन मंडल ने आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पूर्ण बंद का फैसला लिया। मंडल के अध्यक्ष जय ठाकुर ने कहा, “आज मंगल बाजार, पूरब विभाग, पश्चिम विभाग, मुंशी खांचा एसोसिएशन, पद्मावती शॉपिंग सेंटर, बार्टन बाजार, कला मंदिर खांचा और 4000 से अधिक स्ट्रीट वेंडरों ने एकजुट होकर बंद का समर्थन किया। यह बंद आतंकवाद के खिलाफ हमारी एकता का प्रतीक है। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध है कि पाकिस्तान को इस बार कड़ा सबक सिखाया जाए। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की जरूरत है।”
वहीं, अलीगढ़ में पहलगाम हमले के खिलाफ जनता का आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया। शहर के सभी प्रमुख बाजार, दवा के थोक बाजार से लेकर मुस्लिम बहुल इलाकों में भी पूर्व रूप से बंद देखा गया। अलीगढ़ के इतिहास में यह पहली बार देखा गया कि सभी समुदायों ने एकजुट होकर बाजार बंद रखे। शहर के निजी स्कूल भी बंद रहे और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया।
एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष अंतिम कुमार ने कहा, “पहलगाम हमले में हमने अपने देशवासियों को खोया है। यह आतंकवाद के खिलाफ हमारा सामूहिक विरोध है। हम सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। आतंकवाद का जवाब कठोर कार्रवाई से देना होगा। ईट का जवाब पत्थर से देना चाहिए। आतंकवादियों का खात्मा जरूरी है।”
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी का सबसे घातक हमला माना जा रहा है। देशभर में विरोध प्रदर्शन, कैंडल मार्च और बंद के जरिए लोग आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखा रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी हमले के बाद कठोर कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को रद्द करना और पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध कम करना शामिल है।

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