दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएफआई नेता ओएमए सलाम को दी 3 दिन की कस्टडी पैरोल

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ओएमए सलाम को केरल जाने के लिए 3 दिन की कस्टडी पैरोल मंजूर की है। कोर्ट ने यह फैसला सलाम की अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया, जिसमें उसने परिवार से मिलने के लिए केरल जाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस अर्जी का कड़ा विरोध किया था।
हाईकोर्ट ने सख्त शर्तों के साथ पैरोल मंजूर की। कोर्ट ने कहा कि सलाम को अपनी और सुरक्षाकर्मियों की यात्रा का खर्च खुद उठाना होगा। साथ ही, पैरोल के दौरान वो मोबाइल फोन, इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा और न ही कोई फोटो या वीडियो ले सकेगा। इसके अलावा, वो केवल अपने परिवार के सदस्यों से मिल सकता है और किसी अन्य व्यक्ति से बातचीत या मुलाकात नहीं कर सकता। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जाए।
एनआईए ने कोर्ट में सलाम की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि 3 दिन की कस्टडी पैरोल दिल्ली जेल नियमों के तहत सूचीबद्ध नहीं है। एनआईए के वकील ने तर्क दिया कि एक दिन की पैरोल ठीक हो सकती है, लेकिन तीन दिन की अनुमति देना उचित नहीं।
उन्होंने सलाम के पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष होने का हवाला देते हुए कहा कि उनकी रिहाई से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। एनआईए ने बताया कि सलाम की गिरफ्तारी के बाद हिंसा की घटनाओं में 300 मामले दर्ज हुए थे।
एजेंसी ने यह भी दावा किया कि पीएफआई का मकसद शरिया कानून लागू करना था, जिसे केरल हाईकोर्ट भी मान चुका है।
कोर्ट ने एनआईए के तर्कों पर विचार किया, लेकिन सलाम को मानवीय आधार पर 3 दिन की कस्टडी पैरोल देने का फैसला किया। सलाम को कड़ी सुरक्षा में केरल ले जाया जाएगा और उसकी गतिविधियों पर पूरी निगरानी रखी जाएगी।