कुमारी सैलजा ने शहीद विनय नरवाल के परिजनों से मिलकर श्रद्धांजलि अर्पित की

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चंडीगढ़{ गहरी खोज } : सांसद कुमारी सैलजा ने रविवार को करनाल के सेक्टर-7 स्थित पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के घर पहुंचकर शोकाकुल परिवार को सांत्वना और शहीद को श्रद्धांजलि दी। कुमारी सैलजा ने शहीद के परिवार से मिलकर दुख साझा किया। कुमारी सैलजा ने कहा कि यह केवल एक परिवार की क्षति नहीं बल्कि पूरे देश की क्षति है। इस कठिन समय में उनके पूरे परिवार का धैर्य और साहस हम सभी के लिए प्रेरणा है, ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में धैर्य और संबल दे। कुमारी सैलजा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इन आतंकी कायरताओं का समुचित उत्तर देगी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के किसानों को अपनी पसीने की कमाई के लिए कई कई सप्ताह इंतज़ार करना पड़ रहा है। सरकार ने 72 घंटे में भुगतान का वादा किया था, पर 873 करोड़ की राशि अब भी तक अटकी हुई है। अनाज मंडियों में उठान की व्यवस्था चरमरा चुकी है। गेहूं के ढेर मंडियों में सड़ रहे हैं, और भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। ट्रांसपोर्ट, श्रमिक और प्रबंधन, हर मोर्चे पर भारी अव्यवस्था व्याप्त है, लेकिन सरकार की संवेदनहीनता बनी हुई है। भाजपा सरकार के शासन में किसान केवल खोखले वादों और झूठी घोषणाओं का बोझ ढोने को विवश हैं। न उन्हें समय पर भुगतान मिला, न सम्मान। गेहूं की फसल का भुगतान न मिलने से किसान परेशान हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि गेहूं खरीद को लेकर जो भी वायदे किए थे सारे के सारे धरे रह गए है जबकि खरीद का आधा समय निकल चुका है। अनाज मंडियों में कोई सुविधा तक दिखाई नहीं दे रही है जबकि सरकार दावे कर अपनी ही पीठ थपथपा रही है, इस सरकार में न तो कोई करने वाला है और न ही कोई सुनने वाला है। 72 घंटें में भुगतान का राग अलापने वाली भाजपा सरकार को पता होना चाहिए कि किसानों का उसकी ओर अभी तक 873 करोड़ रुपया अटका हुआ है। भुगतान के लिए भटक रहे किसान को आर्थिक कठिनाई हो रही है। सरकार ने किसानों को उनकी उपज का भुगतान 72 घंटों के भीतर करने का वादा किया था, लेकिन कई किसानों को यह वादा पूरा नहीं हुआ है, सरकार किसानों से वादाखिलाफी करने के लिए ही वायदे करती है। गेहूं और सरसों की फसलों का उठान भी ठीक से नहीं हो रहा है, जिससे किसानों को और परेशानी हो रही है। किसानों की मुख्य चिंता यह है कि उन्हें अपनी फसल का उचित भुगतान नहीं मिल रहा है ऊपर से खरीफ फसलों की बिजाई भी करनी है। अगर भुगतान न हुआ तो बिजाई कैसे होगी।

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