आदि शंकराचार्य जयंती कब है? जानें सही तिथि और महत्व

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धर्म { गहरी खोज } : आदि शंकराचार्य एक हिंदू दार्शनिक और धर्मगुरु थे,उनके जन्मदिवस को ही आदि शंकराचार्य की जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार 788 ई में वैशाख माह के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था। केरल के नंबूदरी ब्राह्मण कुल में हुआ जन्म आदि गुरु शंकराचार्य का जन्म केरल के कालड़ी गांव में हुआ था। इन्होंने हिंदुत्व के सबसे महान प्रतिनिधियों में एक के तौर पर जाना जाता है। शंकराचार्य की परंपरा भारत में बहुत पुरानी है। कहते हैं सनातन धर्म को जिंदा रखने और मजबूती देने का काम इसी से हुआ। आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म की प्रतिष्ठा के लिए भारत के चार क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किए। चारों मठों में प्रमुख को शंकराचार्य कहा गया।

आदि शंकराचार्य जयंती कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार,आदि शंकराचार्य जयंती यानी वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 1 मई को सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन 2 मई को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में आदि शंकराचार्य जयंती 2 मई को मनाई जाएगी।

आदि शंकराचार्य जयंती महत्व
आदि शंकराचार्य जयंती हिंदू संत अद्वैत वेदांत के सिद्धांत को मजबूत करने के लिए जाने जाते हैं और इसे ऐसे समय में पुनर्जीवित किया जब हिंदू संस्कृति पतन का सामना कर रही थी। ऐसा कहा जाता है कि माधव और रामानुज जैसे अन्य हिंदू संतों के साथ आदि शंकराचार्य के कार्यों ने हिंदू धर्म के पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तीनों संतों ने उन सिद्धांतों का गठन किया जो आज भी उनके संबंधित संप्रदायों द्वारा पालन किए जाते हैं। उन्हें हिंदू दर्शन के आधुनिक इतिहास में कुछ सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों के रूप में याद किया जाता है।

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