52 उपाश्रय, नक्काशीदार स्तंभ और अलंकृत दीवारें… 177 साल पुराने इस जैन मंदिर का गजब का है इतिहास

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धर्म { गहरी खोज } : गुजरात के अहमदाबाद में स्थित एक प्रसिद्ध जैन मंदिर है, जो अपनी सुंदर मूर्तियों और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस मदिर का नाम हुथीसिंग जैन मंदिर है। इसका नाम सेठ हुथीसिंग के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रसिद्ध जैन व्यापारी थे। 19वीं सदी के मध्य में अहमदाबाद के एक धनी व्यापारी परिवार से थे।
उन्होंने मंदिर का निर्माण शुरू कराया, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी हरकुंवर ने मंदिर का निर्माण पूरा कराया। इसलिए मंदिर का नाम उनके नाम पर रखा गया है। मंदिर की स्थापना वर्ष 1848 में हुई थी। उस समय में मानव कल्याण और धार्मिक भावना के लिए मंदिरों का निर्माण शहर में आम बात थी।
हुथीसिंह जैन मंदिर अपनी शानदार मूर्तियों और अनूठी नगर शैली के कारण है। मंदिर का निर्माण श्वेतांबर जैन संप्रदाय के 15वें तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ स्वामी को समर्पित है। मंदिर का निर्माण लगभग 10 लाख रुपये की लागत से हुआ था, जो उस समय बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी।
हुथीसिंह जैन मंदिर में मारू-गुर्जर मंदिर स्थापत्य शैली और हवेली के नए स्थापत्य तत्वों का मिश्रण है, जो गुजरात की पारंपरिक शैली है।
संपूर्ण मंदिर परिसर चित्रकला, मूर्तिकला और ठोस पत्थर के दृश्यों से समृद्ध है।मंदिर के मुख्य मंडप में जटिल नक्काशीदार स्तंभ, अलंकृत दीवारें, नक्काशीदार कटघरा, मंच और जालीदार संरचना है।
हुथीसिंह जैन मंदिर के मुख्य द्वार के पास स्थित महावीर द्वार की शिल्पकला बहुत सुन्दर है। मंदिर में 52 उपाश्रय (जैन भिक्षुओं और भिक्षुणियों के लिए पूजा स्थल) भी हैं।
आज भी यह मंदिर एक जीवंत धार्मिक स्थल है, जहां प्रतिदिन आरती, पूजा और धार्मिक समारोह आयोजित होते हैं। यह अहमदाबाद शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां शांति और आध्यात्मिकता का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है।

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