शहीद झंटु अली शेख को नम आँखों से अंतिम विदाई, बदले की माँग से गूँजा पूरा गाँव

नदिया{ गहरी खोज }: देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवान झंटु अली शेख को शनिवार को उनके पैतृक गाँव पथरघाटा (तहट, नदिया) में नम आँखों से अंतिम विदाई दी गई। गाँव की मिट्टी ने अपने लाल को आँसुओं के सैलाब और वीरता के गीतों के बीच विदा किया। सुबह से ही गाँव की फिज़ा बदली हुई थी। सड़क के दोनों किनारों पर हजारों ग्रामीण हाथों में तिरंगा लिए, भीगे हुए चेहरों और कांपती पलकों के साथ अंतिम दर्शन के इंतजार में खड़े थे। जैसे ही बीएसएफ के जवानों की सुरक्षा घेरे में झंटु अली शेख का ताबूत गाँव पहुँचा, पूरा इलाका “भारत माता की जय” और “अमर रहे झंटु अली” के नारों से गूंज उठा।
ताबूत को देखते ही शहीद के माता-पिता, पत्नी झुमा शेख और परिजन बिलख पड़े। झुमा शेख शव से लिपटकर फूट-फूट कर रोने लगीं, जिसे देख हर आँख नम हो गई। वहाँ मौजूद हजारों लोग अपने आँसू रोक नहीं सके और गाँव का माहौल शोक में डूब गया।
सेना के जवानों ने पूरे सैनिक सम्मान के साथ झंटु अली शेख को ‘गन सैल्यूट’ दिया। अंतिम संस्कार की तैयारियों के दौरान पूरा गाँव चुपचाप झुक कर अपने सपूत को सलामी दे रहा था। भारत माँ का यह वीर सपूत अब अमर हो गया, लेकिन उसके जाने का दर्द पूरे गाँव के दिलों में हमेशा के लिए बस गया है।
भावनाओं के इस सैलाब के बीच, पूरे गाँव में एक ही आवाज गूंज रही थी — “बदला चाहिए।” ग्रामीणों की माँग है कि जिस तरह कश्मीर में आतंकियों ने झंटु अली शेख को निर्दयता से गोलियों से छलनी किया, उसी तरह भारतीय सेना आतंकियों को मुँहतोड़ जवाब दे।हर वृद्ध, हर युवा, हर महिला की आँखों में आँसू के साथ आक्रोश भी था। देशभक्ति के गीतों के बीच बदले की माँग की प्रतिध्वनि गाँव के हर कोने में सुनाई दी।