रिश्वतखोरी में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल समेत दो गिरफ्तार, 22.5 लाख की घूस लेते पकड़े गए

हिसार{ गहरी खोज }: देश की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए एक संगीन मामले का पर्दाफाश किया है। सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल और ईसीएचएस हिसार क्षेत्रीय केंद्र के एक पूर्व संविदा कर्मचारी को 22.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी नई दिल्ली स्थित सीबीआई के सूचना अनुभाग द्वारा की गई, जहां आरोपियों पर शिकायतकर्ता के अस्पताल में ईसीएचएस अधिकारियों की छापेमारी से उत्पन्न परेशानियों को सुलझाने और उसके पक्ष में आदेश लाने के एवज में मोटी रिश्वत मांगने का आरोप है।
सीबीआई को मिली शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने खुद को ईसीएचएस, हिसार के प्रभावशाली अधिकारी बताकर शिकायतकर्ता से पहले 25 लाख रुपये की मांग की थी। सौदेबाजी के बाद 22.5 लाख रुपये में मामला ‘सुलझाने’ की बात तय हुई। आरोपियों ने यह रकम एक ईसीएचएस-सूचीबद्ध अस्पताल के निदेशक से सीधे तौर पर मांगी थी।
सीबीआई ने पूरी रणनीति के साथ ट्रैप ऑपरेशन चलाया और दोनों आरोपियों को रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। मौके से पूरी रिश्वत राशि भी बरामद कर ली गई है।
गिरफ्तार आरोपियों को पंचकूला (हरियाणा) की नामित सीबीआई अदालत में पेश किया गया। उधर, सीबीआई ने इस घोटाले की परतें खोलने के लिए कई जगहों पर तलाशी अभियान भी चलाया। शुरुआती छापों में पूर्व संविदा कर्मचारी के परिसरों से 25 लाख रुपये नकद की बरामदगी हुई है, जो मामले को और भी गहरा बनाता है।
ईसीएचएस देशभर के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने वाली एक महत्वपूर्ण योजना है। ऐसे में इसकी छवि को इस तरह के घोटाले गहरा नुकसान पहुंचाते हैं। सेना से जुड़े प्रतिष्ठित पद पर रहे व्यक्ति का इस तरह के भ्रष्ट आचरण में लिप्त पाया जाना न सिर्फ नैतिक विफलता है, बल्कि सुरक्षा से जुड़े संस्थानों की साख पर भी सवाल खड़े करता है।
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत गया है कि सीबीआई भ्रष्टाचार के मामलों में न तो वर्दीधारियों को बख्शेगी, न ही किसी प्रभावशाली पद पर बैठे लोगों को। घूसखोरी के खिलाफ यह कदम एक मिसाल की तरह है, जो सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता की दिशा में अहम माना जा रहा है।
सीबीआई ने साफ किया है कि मामले की जांच अभी जारी है और आरोपियों के खिलाफ और भी साक्ष्य इकट्ठा किए जा रहे हैं। यह भी जांचा जा रहा है कि कहीं यह कोई व्यापक नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं, जो ईसीएचएस जैसी योजनाओं का दुरुपयोग कर रहा हो।