ग्रीनलाइन ने बेकार्ट के साथ मिलकर शुरू की ग्रीन लॉजिस्टिक्स की नई पहल

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मुंबई { गहरी खोज } : देश में हरित लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए एस्सार समूह की इकाई ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने टायर सुदृढ़ीकरण तकनीकों में वैश्विक अग्रणी कंपनी बेकार्ट के लिए एलएनजी (लिक्विफाइड नैचुरल गैस) संचालित ट्रकों के एक बेड़े को हरी झंडी दिखाई।
कंपनी ने गुरुवार को बयान जारी कर बताया कि यह पहल पुणे के समीप स्थित बेकार्ट के रंजनगांव संयंत्र में शुरू की गई है। यह पायलट परियोजना बेकार्ट के लॉजिस्टिक्स संचालन को डीकार्बोनाइज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो भारत सरकार की गैस-आधारित अर्थव्यवस्था के विज़न के साथ भी मेल खाता है।
ग्रीनलाइन के मुताबिक, प्रत्येक एलएनजी ट्रक से सालाना 24 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने की संभावना है। इससे बेकार्ट के उस लक्ष्य को मजबूती मिलेगी, जिसमें वह 2050 तक कार्बन नेट-ज़ीरो बनने और अपनी 65 प्रतिशत बिक्री स्थायी समाधानों से प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है।
ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा, “बेकार्ट के साथ हमारी यह साझेदारी दूरदर्शी कॉरपोरेट्स की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ग्रीनलाइन न केवल ग्रीन ट्रकों की पेशकश करता है बल्कि एक पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रदान करता है, जिसमें एलएनजी फ्यूलिंग, टेलीमैटिक्स और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग शामिल है, जो हमारे साझेदारों को उनके नेट-ज़ीरो लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है।”
बेकार्ट के प्रोक्योरमेंट ऑपरेशंस लीड – साउथ एशिया और प्रोक्योरमेंट ग्लोबल शेयर्ड सर्विस सेंटर लीड दिनेश मुखेदकर ने कहा, “लॉजिस्टिक्स को डीकार्बोनाइज करना हमारी ईएसजी रणनीति और लंबे समय तक टिकाऊ विकास के लक्ष्यों के अनुरूप है। ‘नए संभव की स्थापना’ हमारे मिशन का एक अहम हिस्सा है, और एलएनजी ट्रकों की यह पहल उसी दिशा में उठाया गया ठोस कदम है।”
उल्लेखनीय है कि ग्रीनलाइन के एलएनजी ट्रकों का बेड़ा अब तक चार करोड़ किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर चुका है और इससे 10,000 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की रोकथाम हो चुकी है।
कंपनी ने अपने लक्ष्यों की जानकारी देते हुए बताया कि वह जल्द ही 10,000 से अधिक एलएनजी और ईवी ट्रकों तथा 100 एलएनजी फ्यूलिंग स्टेशन, ईवी चार्जिंग हब और बैटरी स्वैपिंग सेंटर के साथ एक राष्ट्रव्यापी ग्रीन लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। इस योजना के तहत सालाना 10 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।

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