विकसित भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी : मोदी

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मधुबनी{ गहरी खोज } : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास का लाभ हर वर्ग और हर क्षेत्र तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता दुहराते हुए आज कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी है।
श्री मोदी ने गुरुवार को यहां झंझारपुर के लोहना पंचायत में पंचायती राज स्थापना दिवस पर आयोजित सभा में 13 हजार 480 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “शांति और सुरक्षा यह तेज विकास की सबसे जरूरी शर्त है। विकसित भारत के लिए विकसित बिहार जरूरी है। बिहार में विकास हो और विकास का लाभ यहां हर वर्ग और हर क्षेत्र तक पहुंचे यह हम सभी का प्रयास है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार वह धरती है जहां से बापू ने सत्याग्रह के मंत्र का विस्तार किया था। बापू का दृढ़ विश्वास था कि जबतक भाारत के गांव मजबूत नहीं होंगे तबतक भारत का तेज विकास नहीं हो पाएगा। देश में पंचायती राज की परिकल्पना के पीछे भी यही भावना है। बीते दशक में पचायतों को सशक्त करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए। प्रौद्योगिकी के माध्यम से भी पंचायतों को मजबूत किया गया। बीते दशक में दो लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया है।
श्री मोदी ने कहा कि साढ़े पांच लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में बने हैं। पंचायतों के डिजिटलीकृत होने से लोग जीवन-मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमि धारण प्रमाण पत्र जैसे कई दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के कई दशक बाद जहां देश को संसद की नई इमारात मिली वहीं देश में 30 हजार नए पंचायत भवन भी बनाए गए। पंचायतों को पर्याप्त फंड मिले ये भी सरकार की प्राथमिकता रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दस साल में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक फंड पंचायतों को मिला है। यह सारा पैसा गांव के विकास में लगा है। ग्राम पंचायतों की एक और बड़ी समस्या भूमि विवाद से जुड़ी रही है। कौन सी जमीन आबादी की है, खेती की, पंचायत की है और सरकारी जमीन कौन सी है, इन सारे विषयों पर अक्सर विवाद रहता था। इसके समाधान के लिए जमीनों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। इससे अनावश्यक विवादों को सुलझाने में मदद मिली है।
श्री मोदी ने सामाजिक भागीदारी को सशक्त करने में पंचायतों की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा, “बिहार देश का पहला राज्य है, जहां महिलाओं को स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दी गई। इसके लिए मैं आज श्री नीतीश कुमार का अभिनंदन करता हूं। आज बड़ी संख्या में गरीब, दलित, महादलित, पिछड़े-अतिपिछड़े समाज की बहन बेटियां बिहार में जनप्रतिनिधि बनकर सेवाएं दे रही हैं और यही सच्चा सामाजिक न्याय और यही सच्ची सामाजिक भागीदारी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र अधिक से अधिक भागीदारी से समृद्ध और सशक्त होता है। इसी सोच के साथ लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण का कनून बनाया गया है। इसका लाभ हर राज्य की महिलाओं को होगा। देश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए रोजगार तथा स्वरोजगार के नए अवसर बनाने के लिए सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। बिहार के जीविका दीदी कार्यक्रम से अनेक बहनों का जीवन बदला है। आज भी यहां बिहार की बहनों के स्वयं सहायता समूहों को करीब एक हजार करोड़ रुपये की मदद दी गई है। इससे महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को और बल मिलगा। साथ ही यह देश में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति में और सहयोगी बनेगा।
श्री मोदी ने कहा कि बीते दशक में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है। गांवों में गरीबों के घर बने, सड़कें बनीं, पक्के रास्ते बने हैं। गांवों में गैस कनेक्शन पहुंचे, पानी के कनेक्शन पहुंचे, शौचालय बनें हैं। ऐसे हर काम से गांवों में लाखों करोड़ रुपये पहुंचे हैं। रोजगार के नए अवसर भी बने हैं। मजदूर से लेकर किसान और गाड़ी वाले से लेकर दुकानदार तक सबको कमाई के नए मौके मिले हैं। इससे उस समाज को सबसे अधिक फायदा हो रहा है, जो पीढ़ियों से वंचित रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कोई गरीब परिवार बेघर न हो, सबके सिर पर पक्की छत हो यही प्रधानमंत्री (पीएम) आवास योजना का लक्ष्य है। इसी लक्ष्य के साथ बीते दशक में चार करोड़ से अधिक पक्के घर बनवाए गए हैं। बिहार में भी अबतक 57 लाख गरीब परिवारों को पक्के मकान मिल चुके हैं। यह घर गरीब दलित पिछड़े अतिपिछड़े पसमंदा परिवार को मिले हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में तीन करोड़ और पक्के मकान गरीबों को मिलने जा रहे हैं।

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