बाइसिकल थीव्स देख फिल्म निर्माण का इरादा किया सत्यजीत रे ने

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..पुण्यतिथि 23 अप्रैल के अवसर पर ..
मुंबई{ गहरी खोज }: भारतीय सिनेमा जगत में युगपुरूष सत्यजीत रे को एक ऐसे फिल्मकार के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी निर्मित फिल्मों के जरिये भारतीय सिनेमा जगत को अंतराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलाई।
सत्यजीत रे का जन्म कलकता में 02 मई 1921 को एक उच्च घराने में हुआ था।उनके दादा उपेन्द्र किशोर रे वैज्ञानिक थे, जबकि उनके पिता सुकुमार रे लेखक थे। सत्यजीत रे ने अपनी स्नातक की पढ़ाई कलकता के मशहूर प्रेसीडेंसी कॉलेज से पूरी की। इसके बाद अपनी मां के कहने पर उन्होंने रवीन्द्र नाथ टैगौर के शांति निकेतन में दाखिला ले लिया, जहां उन्हें प्रकृति के करीब आने का मौका मिला। शांति निकेतन में करीब दो वर्ष रहने के बाद सत्यजीत रे वापस कोलकता आ गये।
सत्यजीत रे ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1943 में ब्रिटिश एडवरटाइजमेंट कंपनी से बतौर ..जूनियर विजुलायजर ..से की, जहां उन्हें 18 रूपये महीने बतौर पारिश्रमिक मिलते थे। इस बीच वह डी.के गुप्ता की पब्लिशिंग हाउस ..सिगनेट प्रेस ..से जुड़ गये और बतौर कवर डिजायनर काम करने लगे। बतौर डिजायनर उन्होंने कई पुस्तको का डिजायन तैयार किया इसमें जवाहर लाल नेहरू की ..डिस्कवरी ऑफ इंडिया ..प्रमुख है।
वर्ष 1949 में सत्यजीत रे की मुलाकात फ्रांसीसी निर्देशक जीन रेनोइर से हुयी, जो उन दिनों अपनी फिल्म ..द रिवर ..के लिये शूटिग लोकेशन की तलाश में कलकता आये थे। जीन रेनोर ने सत्यजीत रे की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें फिल्म निर्माण की सलाह दी। वर्ष 1950 में सत्यजीत रे को अपनी कंपनी के काम के कारण लंदन जाने का मौका मिला जहां उन्होंने लगभग 99 अंग्रेजी फिल्में देख डाली। इसी दौरान उन्हें एक अंग्रेजी फिल्म बाइसिकल थीव्स देखने का मौका मिला। फिल्म की कहानी से सत्यजीत रे काफी प्रभावित हुये और उन्होंने फिल्मकार बनने का निश्चय कर लिया।

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