वरुथिनी एकादशी के दिन इन जगहों पर जरूर जलाएं दीपक, जीवन में सुख-समृद्धि को होगा उजाला!

धर्म { गहरी खोज } : हिंदू धर्म में वैशाख माह बहुती ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इस माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा और व्रत का पालन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि वरूथिनी एकादशी पर कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है, तो आइए जानते हैं इस दिन कहां दीपक जलाने चाहिए।
वरुथिनी एकादशी कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल को 4 बजकर शाम 4 बजकर 43 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन 24 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 32 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, वरुथिनी एकादशी के व्रत 24 अप्रैल को किया जाएगा।
इन जगहों पर जरूर जलाएं दीपक
- वरुथिनी एकादशी के दिन घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए मुख्य द्वार पर दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है, जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- पूजा घर को सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। कहते हैं वरूथिनी एकादशी के दिन पूजा घर में भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाने से उनकी विशेष कृपा मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- वरुथिनी एकादशी के दिन घर की रसोई में दीपक जरूर जलाना चाहिए, क्योकि यहां मां अन्नपूर्णा का वास होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है।
- तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को अति प्रिय है। ऐसे में इस दिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना शुभ होता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
- केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है, इसलिए एकादशी दिन केले के वृक्ष की पूजा करना शुभ माना जाता है। वहीं वरूथिनी एकादशी के दिन केले के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से श्री हरि का आशीर्वाद मिलता है और घर की दरिद्रता दूर होती है।