शनिदेव इस नक्षत्र में करने जा रहे हैं प्रवेश, किन राशि वालों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव?

धर्म { गहरी खोज } :हिन्दू धर्म में भगवान शनि को न्याय का देवता कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसलिए इन्हें कर्मफलदाता भी कहा जाता है। आज से ठीक 6 दिन बाद शनि अपना नक्षत्र बदलेंगे। शनिदेव की चाल बहुत धीमी है। भगवान शनि अब उत्तरभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब भी शनि अपनी राशि या नक्षत्र बदलता है तो इसका कुछ राशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कुछ राशि वालों पर इससे बहुत नेगेटिव प्रभाव होता है।
शनि का नक्षत्र परिवर्तन
शनिदेव 6 दिन बाद यानि 28 अप्रैल को नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। शनिदेव 28 अप्रैल को उत्तरभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसका कुछ राशियों पर शुभ प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, तीन राशियां ऐसी हैं जो इस नक्षत्र परिवर्तन से बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं।
इन राशि वालों के साथ होगा बुरा प्रभाव
मेष राशि
28 अप्रैल को शनि उत्तराभाद्रपता नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसका मेष राशि वालों पर बड़ा असर हो सकता है, इसलिए इन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। शनि के नक्षत्र परिवर्तन के कारण मेष राशि वालों को स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां हो सकती हैं। आपदाएं अचानक आ सकती हैं।
किसी सरकारी काम में देरी होने की संभावना है। साथ ही खर्चों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। मेष राशि वालों को वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए और अपने क्रोध पर भी नियंत्रण रखना होगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वाले लोग भी इस नक्षत्र परिवर्तन से बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। अनावश्यक खर्चों में भारी वृद्धि हो सकती है। घर में वाद-विवाद बढ़ सकता है। महत्वपूर्ण कार्यों में विलंब होने की संभावना है। इसके अलावा आपके बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं।
कुंभ राशि
जिन लोगों की राशि कुंभ है उन्हें अपने करियर को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और जीवन में कई मुश्किलें आ सकती है।
यह गोचर कुछ राशियों के लिए सकारात्मक परिणाम भी ला सकता है। कुछ राशि वालों के लिए उन्नति और लाभ के योग बन सकते हैं। इसलिए, शनि के इस नक्षत्र परिवर्तन को लेकर भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। यदि आपकी राशि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, तो सावधानी बरतें और उचित उपाय करें। अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाकर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त करना हमेशा सर्वोत्तम होता है।