बिलावल ने नहरों के प्रोजेक्ट को लेकर पीएमएल-एन सरकार के साथ गठबंधन खत्म करने की धमकी दी

कराची{ गहरी खोज } : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने धमकी दिया है कि अगर विवादास्पद नहर परियोजना को तत्काल रद्द नहीं किया गया तो वह ‘अड़ियल’ और ‘बेपरवाह’ पाकिस्तान मुस्लि लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली शहबाज शरीफ सरकार से अपनी पार्टी का संघीय समर्थन वापस ले लेंगे।
श्री जरदारी ने सिंध प्रांत के हैदराबाद शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संघीय सरकार को अपनी विवादास्पद नहर परियोजना को तुरंत वापस लेना चाहिए, अन्यथा पीपीपी पीएमएल-एन साथ काम नहीं कर सकती। यह विवादास्पद परियोजना राजनीतिक सहयोगी पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच विवाद का प्रमुख मुद्दा बन गई है।
न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, विवादास्पद नहर मुद्दा एक बड़ी परियोजना है, जिसका उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनीर 2023 में की थी।
इस मेगा परियोजना के अंतर्गत, चोलिस्तान रेगिस्तान में लाखों एकड़ बंजर भूमि की सिंचाई के लिए पूरे देश में छह नहरों का एक बड़ा नेटवर्क बनाने की योजना है। ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव (जीपीआई) नामक 3.3 अरब डॉलर (945 अरब पाकिस्तानी रुपए) की इस परियोजना में सिंधु नदी से पानी को मोड़ना शामिल है।
इस पहल की अधिकारियों ने कड़ी आलोचना की है, जिन्होंने कहा है कि हितधारकों से परामर्श नहीं किया गया, तथा पहले से ही अत्यधिक सूख चुकी नदी से पानी मोड़ने से नदी प्रणाली को बहुत नुकसान पहुंचेगा।
आलोचकों के अनुसार, सिंध के निचले इलाकों से पानी को ऊपर की ओर मोड़ने से हजारों लोगों के जीवन पर असर पड़ेगा, जिनकी आजीविका सिंधु नदी पर निर्भर हैं।
श्री जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी ने बार-बार इस परियोजना पर अपनी आपत्तियां व्यक्त की हैं तथा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सरकार को आगाह किया है कि उसकी कुछ एकतरफा नीतियों के कारण गठबंधन पर गंभीर दबाव पड़ रहा है।
इसके अलावा, देश में जारी आतंकवादी हमले, अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट, सामाजिक-राजनीतिक अस्थिरता और सिंधु नदी में घटते जलस्तर ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि परियोजनाएं इस्लामाबाद से थोपी जा रही हैं औ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अब भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और हम भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चुनाव शहबाज शरीफ और जनता के बीच करना हो तो फैसला लेना मुश्किल नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश आतंकवाद की आग में जल रहा है और आपने (संघीय सरकार ने) एक ऐसी बहस छेड़ दी है जो भाई को भाई के खिलाफ खड़ा कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में बैठे लोग अंधे और बहरे हैं – प्रांतों की आवाज़ देखने या सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। हम सिद्धांतों के आधार पर इन परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं क्योंकि संघ ख़तरे में है। उन्होंने कहा कि आपकी जिद के पीछे का कारण क्या है? हम चाहते हैं कि पाकिस्तान का विकास हो और संघ मजबूत हो, लेकिन हम अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हट सकते।