‘साजिश के तहत रामजी के घर पर हमला हुआ, मुझे भी मिल रही मारने की धमकी: अखिलेश यादव

लखनऊ { गहरी खोज } : समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन से मुलाकात की और उसके बाद भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। अखिलेश ने आरोप लगाया कि रामजी लाल सुमन के घर पर हमले की घटना कोई अचानक नहीं हुई, बल्कि यह एक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह हमला जानबूझकर किया गया और पीडीए (पार्टी ऑफ डेमोक्रेटिक अलायंस) को डराने की कोशिश की जा रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे भी जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने हिंसा के पीछे फंडिंग की है और हमलावरों को इस पूरी घटना में सरकार का समर्थन था। उनका कहना था कि हमलावरों को किसी भी प्रकार की कार्रवाई का डर नहीं था, जिससे साफ है कि सरकार उन्हें समर्थन दे रही है। अखिलेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आगरा में तलवारें लहराने की घटना को लेकर भी सरकार का समर्थन था। उन्होंने कहा, “लखनऊ और दिल्ली का जो झगड़ा है, वह आगरा में ताकत दिखाने का जरिया बना।”
रामजी लाल सुमन से मुलाकात के बाद अखिलेश ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान के तहत मिले अधिकारों का पालन करते हुए आगे बढ़ेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग संविधान का पालन नहीं करते हैं। अखिलेश ने कहा, “तलवार लहराने वालों और गाली-गलौज करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हम कानून मानने वाले लोग हैं, लेकिन भाजपा के लोग इसे नजरअंदाज करते हैं।”
अखिलेश यादव ने यह भी बताया कि उन्हें भी जान से मारने की धमकी मिल रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें फोन पर धमकी दी गई है कि उन्हें भी वैसा ही किया जाएगा जैसा फूलन देवी के साथ हुआ था। उन्होंने यह सवाल उठाया कि आखिरकार इसके पीछे कौन लोग हैं। अखिलेश ने कहा, “अब यह समय नहीं है कि सामंती और प्रभुत्ववादी सरकार अपनी मनमानी चलाते रहें। अब संविधान ही सर्वोपरि रहेगा, पहले भी था और आगे भी रहेगा।”
अखिलेश यादव की यह टिप्पणी उस समय आई है जब समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को राणा सांगा के बारे में एक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के बाद करणी सेना और राजपूत संगठनों ने विरोध किया था और 12 अप्रैल को आगरा में प्रदर्शन किया था, जहां तलवारें लहराई गईं और नारेबाजी हुई। प्रदर्शन के दौरान अखिलेश और रामजी लाल सुमन के खिलाफ भड़काऊ बयान भी दिए गए थे।