धार्मिक और पर्यटन सेवाओं के नाम पर ऑनलाइन बुकिंग घोटालों से सचेत रहें लोग

0
2025_4$largeimg19_Apr_2025_155452763

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र ने लोगों को धार्मिक संस्थानों और पर्यटन सेवाओं के नाम पर किये जा रहे ऑनलाइन बुकिंग घोटालों से सचेत रहने को कहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इस केन्द्र ने शनिवार को एक वक्तव्य जारी कर लोगों को विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। यह धोखाधड़ी नकली वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेज, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर विज्ञापनों के माध्यम से की जा रही हैं।
इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन नकली वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप खाते बनाकर केदारनाथ, चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग, तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग, ऑनलाइन कैब/टैक्सी सेवा बुकिंग, होलीडे पैकेज और धार्मिक यात्राओं जैसी सेवाओं की पेशकश कर लोगों को ठगती हैं।
अक्सर लोग संदेह किए बिना लोग इन पोर्टलों के माध्यम से भुगतान कर देते हैं लेकिन जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर हो जाते हैं तो उन्हें ठगे जाने का अहसास होता है।
केन्द्र ने लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है और कहा है कि कोई भी भुगतान करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की हमेशा जांच की जानी चाहिए। साथ ही गूगल, फेसबुक या व्हाट्सएप पर “प्रायोजित” या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करने को भी कहा गया है। इसके अलावा बुकिंग केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से करने को कहा गया है।
केन्द्र ने कहा है कि ऐसी वेबसाइटों की शिकायत तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर या किसी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल की जानी चाहिए।
इन घोटालों को रोकने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र बहु-आयामी रणनीति अपना रहा है। इसके लिए नियमित रूप से स्कैम सिग्नल आईटी मध्यस्थों जैसे गूगल, व्हाट्सएप, फेसबुक के साथ साझा किए जा रहे हैं ताकि गड़बड़ी का पता लगाया जा सके। साइबर अपराध हॉटस्पॉट्स की पहचान की जा रही है और जिन राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से अपराध की शुरुआत हो रही है उन्हें संवेदनशील बनाया जा रहा है। नकली वेबसाइटों/विज्ञापनों और प्रतिरूपण करने वाले सोशल मीडिया खातों तक पहुंच को समय-समय पर अक्षम किया जा रहा है ताकि लोगों के साथ धोखाधड़ी न हो। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर संदिग्धों की जांच और रिपोर्टिंग सुविधा विकसित की गई है, ताकि रिपोर्टिंग यानी शिकायत दर्ज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *