अगर कानून SC ही बनाएगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए… वक्फ अधिनियम पर BJP सांसद निशिकांत दुबे का बयान

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Punjab

नई दिल्‍ली{ गहरी खोज } : वक्फ संसोधन अधिनियम को लेकर देश के कई राज्यों में विवाद जारी है, और यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। पिछले दो दिनों से इस पर सुनवाई हो रही है। इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने संसद और सुप्रीम कोर्ट के बीच शक्तियों के बंटवारे को लेकर अपनी आपत्ति जताई। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
आपको बताते चले कि झारखंड की गोड्डा सीट से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, “अगर कानून सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए।” उनका यह बयान वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के संदर्भ में था, जहां इस मुद्दे पर अदालत की सक्रियता बढ़ रही है।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर सुनवाई से पहले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा था, “मुझे पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट विधायी मामलों में दखल नहीं देगा। हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। अगर सरकार न्यायपालिका में दखल देती है तो यह अच्छा नहीं होगा। शक्तियों का बंटवारा स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, और विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।”
यह बयान उस स्थिति पर जोर देता है, जहां संसद और सुप्रीम कोर्ट के बीच शक्तियों के बंटवारे को लेकर विवाद उत्पन्न हो रहा है। संविधान में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच स्पष्ट शक्तियों का विभाजन किया गया है, और किसी भी संस्था का अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर हस्तक्षेप करना संविधानिक रूप से सही नहीं माना जाता।
वक्फ संसोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का बयान और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का बयान यह दर्शाते हैं कि देश में न्यायपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों के बंटवारे पर चर्चा जारी है। यह विवाद संविधानिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है, और इससे दोनों संस्थाओं के बीच संबंधों पर सवाल उठ सकते हैं।

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