सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के शिक्षकों को दी राहत

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के उन शिक्षकों को गुरुवार को सशर्त एक बड़ी राहत दी, जिनकी नियुक्ति वर्ष 2016 की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आधार पर रद्द कर दी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह राहत दी। पीठ ने यह राहत राज्य सरकार और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को कक्षा नौ से 12 तक के लिए सहायक शिक्षक के पदों की नई भर्ती के लिए 31 मई, 2025 तक नई विज्ञापन प्रकाशित करने और 31 दिसंबर, 2025 तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की शर्त पर दी है।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कक्षा नौ से 12 तक के सहायक शिक्षक राज्य में संबंधित पदों पर नई भर्ती पूरी होने तक पढ़ाना जारी रख सकते हैं। अदालत ने हालांकि, यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत सिर्फ उन्हीं शिक्षकों को मिलेगी, जिनकी नियुक्ति में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी।
शीर्ष अदालत ने गत तीन अप्रैल को पश्चिम बंगाल के स्कूलों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के उन पदों पर भर्ती की पूरी प्रक्रिया को ‘दूषित’ और ‘सुधार से परे दागदार’ घोषित करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की ओर से भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के फैसले पर मुहर लगाई थी।
अदालत ने सात मई, 2024 को 22 अप्रैल, 2024 के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,000 से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था।

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