वक्फ़ कानून जन अधिकारों पर हमला: कांग्रेस

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: कांग्रेस नेता और मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार जिसे सुधार बता रही है वो अधिकारों पर प्रहार है। इसे पढ़िये, समझिए, ये ना सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता पर चोट करता है बल्कि आत्मनिर्णय की भावना को भी कुचलता है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी चुप नहीं रहेगी। संसद के बाहर और अंदर इसकी लड़ाई लड़ती रहेगी। 1950-60 के दशक के कानूनों पर सरकार हमला कर रही है। ये वक्फ कानून संविधान का जो मूल है उसे भेदता है। 100 प्रतिशत नामांकन कर दिया गया है तो स्वतंत्रता कहां रही। कानून जो चलता रहा है कि मुसलमान ही वक्फ का संचालन करते रहे।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आर्टिकल- 9 और 14 में जो चीजें है वो जब तक फैसला ना हो जाये उसमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। एक प्रावधान था 3(R) जिसमें वक्फ बॉय यूजर को माना गया था। इसको नए कानून में खत्म कर दिया गया है। ये भी आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल यथास्थिति में रहेगा। बाकी चीजों को लेकर मामला कोर्ट में है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बहुत जगह ऐसी है जहां पर सरकार ने ही वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। हमारा उद्देश्य था कि तथ्यों पर आधारित ये याचिकाएं लगाई गई हैं। 3 मुद्दों पर फिलहाल अंतरिम रोक लगी है और हम इसका स्वागत करते हैं। ये मामले को सिर्फ मुसलमान और अल्पसंख्यक की नजर से देखना ठीक नहीं है। आज ये वक्फ है कल को ये किसी और धर्म के साथ भी हो सकता हैं। किसी और अल्पसंख्यक के साथ भी हो सकता है। हम अगर आज नहीं बोलेंगे तो कल ये हक सबसे छिन जाएगा।’
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि आज जो अंतरिम राहत का आदेश है। इस पर हम कोर्ट का शुक्रिया करते हैं। जो संशोधन किए गए थे उनमें से कई बिंदुओं पर अंतरिम रोक लगी है अगले आदेश तक। हमें उम्मीद है कि अगली सुनवाई में हमें और भी राहत मिलेगी। संविधान को कुचलने की एक-एक साजिश के खिलाफ सबको लड़ना होगा।

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