रानी मिस्त्रियों से मजबूत होगी गांवों की नींव, योगी सरकार दे रही प्रशिक्षण

लखनऊ { गहरी खोज } : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश सरकार अब नारी शक्ति को गांवों के आवास निर्माण की मजबूत नींव बनाने की दिशा में अग्रसर है। ‘रूरल मेसन ट्रेनिंग’ कार्यक्रम के तहत ग्रामीण राजमिस्त्रियों, खासकर महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनकी कुशलता और दक्षता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा रहा है। इस अभियान से न केवल रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं, बल्कि महिलाओं के सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता की नई कहानी भी लिखी जा रही है। पहले पुरुषों के वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में अब महिलाएं भी अपने हुनर से पहचान बना रही हैं। यह पहल बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के समानता और उत्थान के सपनों को साकार करने की दिशा में भी योगदान दे रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत बन रहे घरों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए ग्राम्य विकास विभाग ने अब तक 45,000 से अधिक पुरुष राजमिस्त्रियों के साथ-साथ 7,017 महिलाओं (रानी मिस्त्रियों) को प्रशिक्षित किया है। यह पहल नारी शक्ति को सामने ला रही है, जहां अब महिलाएँ भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मजबूत आवास निर्माण में योगदान दे रही हैं। इनको बकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसके बाद इन रानी मिस्त्रियों को सर्टिफिकेशन मिलता है, जिससे वे बड़े निर्माण परियोजनाओं और एजेंसियों में काम पा रही हैं, साथ ही बेहतर मजदूरी भी अर्जित कर रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में कुशल राजमिस्त्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के ग्रामीण राजमिस्त्री अर्हता पैक (क्यूपी) के अनुसार आयोजित किया जा रहा है। जो पहले से राजगीरी का काम करते हैं, उन्हें 15 दिन का और नए प्रशिक्षुओं को 45 दिन का व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी कौशल सिखाता है, बल्कि निर्माण कार्यों में तेजी लाने और गुणवत्ता बढ़ाने में भी सहायक है।
रानी मिस्त्रियों का प्रशिक्षण महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। पहले पुरुषों के वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में अब महिलाएं भी अपने हुनर से पहचान बना रही हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रहा है और उनके परिवारों के उत्थान में योगदान दे रहा है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा चिन्हित इच्छुक व्यक्तियों, विशेष रूप से महिलाओं को इस अवसर से जोड़ा जा रहा है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार साबित हो रहा है।