योगी सरकार के प्रयासों से बदल रही गन्ना किसानों की जिंदगी, विपक्षी सरकारों में थी खस्ता हालत

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लखनऊ{ गहरी खोज } : योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हित में किए गए सतत प्रयासों ने उनकी जिंदगी को एक नई दिशा दी है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में कुल पंजीकृत 65 लाख गन्ना किसानों और 46.5 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को सरकार ने कई तरह से लाभ पहुंचाया है। इसके विपरीत, पिछली समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में गन्ना किसानों की हालत बेहद खस्ता थी।
प्रदेश में 45 जिलों में 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जिनमें से 96 निजी, 23 सहकारी और 3 निगम क्षेत्र की हैं। इनके साथ 285 खाण्डसारी इकाइयां और 65 कोजन इकाइयां भी कार्यरत हैं। योगी सरकार ने 52 मिलों को आधुनिकीकरण करने का भी कार्य किया है। इसके अलावा करीब 8 हजार किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता के साथ इथनॉल उत्पादन को भी सरकार ने बढ़ावा दिया है। यही नहीं, चीनी उद्योग द्वारा लगभग 8 लाख 50 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान किया गया है।
पिछली सरकार के कार्यकाल वर्ष 2016-17 के मुकाबले योगी सरकार के कार्यकाल में गन्ना क्षेत्रफल में 43 प्रतिशत, गन्ना उत्पादकता में 16 प्रतिशत और गन्ना उत्पादन में 68 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। देश के कुल गन्ना क्षेत्रफल का 49 प्रतिशत, गन्ना उत्पादन का 49 प्रतिशत और चीनी उत्पादन का 33 प्रतिशत अब उत्तर प्रदेश से होता है। राज्य में गन्ना उत्पादन में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले गन्ना किसानों को लगभग 1,200 करोड़ की अतिरिक्त आय भी योगी सरकार में सुनिश्चित की गई है।
वर्तमान सरकार द्वारा अब तक कुल 2.80 करोड़ से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जो कि 1995 से मार्च 2017 तक के 22 वर्षों में हुए कुल भुगतान से करीब 66 करोड़ अधिक है। इसके साथ ही, 2024-25 में 1.09 लाख करोड़ का जीवीए का भी योगदान भी दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री के दिशानिर्देशन में 158 सहकारी गन्ना समितियों, 27 सहकारी चीनी मिल समितियों और 152 गन्ना विकास परिषदों के माध्यम से गन्ना किसानों को लगातार लाभ पहुंचाया जा रहा है।

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