निर्वाचन आयोग ने पहली बार आयोजित किया बूथ स्तरीय एजेंटों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की जमीनी स्तर पर भागीदारी को मजबूत करने के लिए बुधवार को यहां पहली बार मतदान केन्द्र स्तरीय एजेंटों (बीएलए) का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम में बिहार में आगामी विधान सभा चुनावों के मद्देनजर राज्य के मान्यता प्राप्त 10 राजनीतिक दलों के लगभग 280 बीएलए ने भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम राजधानी में इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट के परिसर में आयोजित किया गया है।
आयोग की एक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कार्यक्रम में संबोधन में बीएलए की भूमिका के महत्व को रेखांकित किया। इस दौरान दोनों चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी उपस्थित थे।
इस प्रशिक्षण की परिकल्पना गत 04 मार्च को आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) सम्मेलन के दौरान की गई थी। आयोग ने कहा है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बीएलए को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 और समय-समय पर निर्वाचन आयोग के जारी किए गए मैनुअल, दिशा-निर्देश और निर्देशों में उल्लिखित अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में मदद करेगा।
पहले दिन के कार्यक्रम में बीएलए को कानूनी ढांचे के अनुसार उनकी नियुक्ति, भूमिका और जिम्मेदारियों का अवलोकन कराया गया। उन्हें चुनाव प्रक्रियाओं के विभिन्न पहलुओं से भी परिचित कराया गया, जिसमें मतदाता सूचियों की तैयारी, अद्यतनीकरण और संशोधन तथा संबंधित प्रपत्र और प्रारूप शामिल हैं।
बीएलए को मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नियुक्त करते हैं और वे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के अनुसार त्रुटि-रहित मतदाता सूची सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बीएलए को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24(ए) और 24(बी) के तहत प्रथम और द्वितीय अपील के प्रावधान का उपयोग करना भी सिखाया गया, यदि वे प्रकाशित अंतिम मतदाता सूचियों से असंतुष्ट हैं।

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