भारत-उज्बेकिस्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक पुणे में शुरू

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक का छठा संस्करण बुधवार को पुणे के औंध में विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ।
रक्षा मंत्रालय ने यहां बताया कि 28 अप्रैल तक चलने वाले इस अभ्यास में भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व
60 सैन्यकर्मियों की जाट रेजिमेंट और भारतीय वायुसेना की एक बटालियन कर रही है। उज्बेकिस्तान की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व उज्बेकिस्तान सैन्य कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। यह अभ्यास भारत और उज्बेकिस्तान में हर वर्ष बारी-बारी से किया जाता है। पिछला संस्करण उज्बेकिस्तान के टर्मेज़ जिले में हुआ था।
इस वर्ष अभ्यास का विषय अर्ध-शहरी परिदृश्य में संयुक्त बहु डोमेन उप-पारंपरिक संचालन की थीम पर आधारित है। यह निर्धारित क्षेत्र पर कब्जा करने वाली आतंकवादी कार्रवाई का जवाब देने पर केंद्रित रहेगा। इसमें निरंतर संयुक्त अभियानों के लिए बटालियन स्तर पर एक संयुक्त संचालन केंद्र की स्थापना, लोगों को नियंत्रित करना, छापे, खोज अभियानों जैसे आतंकवाद विरोधी मिशन को पूरा किया जाना और आतंकवादियों से निपटने के लिए हवाई सेना सहित गोलाबारी का उपयोग भी शामिल होगा। अभ्यास के दौरान सेना और वायु सेना के विशेष बल आगे के संचालन के लिए माउंटिंग बेस के रूप में उपयोग के लिए एक हेलीपैड का प्रबंध करेंगे। अभ्यास में ड्रोन की तैनाती, मानव रहित विमान से निपटने के उपाय और वायु सेना द्वारा अशांत क्षेत्रों में सैन्य बलों को बनाए रखने के लिए रसद सहायता भी शामिल होगी। इसके अतिरिक्त, हेलीकॉप्टरों का उपयोग टोही और निगरानी, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन (एसएचबीओ), छोटी टीम प्रविष्टि और निष्कर्षण (एसटीआईई) और अन्य सम्बंधित मिशनों के लिए किया जाएगा।
संयुक्त अभ्यास डस्टलिक दोनों पक्षों को संयुक्त उप-पारंपरिक संचालन की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करने में सक्षम बनाएगा। यह दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन सौजन्यता और सौहार्द विकसित करने में सहायता करेगा। संयुक्त अभ्यास रक्षा सहयोग को भी बढ़ावा देगा और इससे दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय सम्बंधों को और बल मिलेगा।

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