जस्टिस बी.आर. गवई जो होंगे देश के 52वें चीफ जस्टिस… लेंगे सीजेआई संजीव खन्ना की जगह

नयी दिल्ली { गहरी खोज } : भारत को बहुत जल्द नया मुख्य न्यायाधीश मिलने जा रहा है। जस्टिस बी.आर. गवई, जो इस समय सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में से एक हैं, देश के 52वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बनने जा रहे हैं। यह फैसला तब लिया गया जब वर्तमान सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की औपचारिक सिफारिश की। अब गवई 14 मई को शपथ लेंगे, और उन्हें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद की शपथ दिलाएंगी।
आपको बता दें कि जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को अमरावती, महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने अपनी वकालत की शुरुआत 16 मार्च, 1985 को की थी, जब वे बार में शामिल हुए। शुरुआत में वे महाराष्ट्र हाईकोर्ट के महाधिवक्ता और वरिष्ठ वकील बैरिस्टर राजा भोंसले के साथ जुड़े रहे। इसके बाद उन्होंने 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र रूप से वकालत की। उसके बाद उन्होंने मुख्य रूप से संवैधानिक कानून और प्रशासनिक कानून से जुड़े मामलों में, बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की। वे 1992 में सहायक सरकारी वकील और फिर अतिरिक्त लोक अभियोजक बने। 2000 में, उन्हें सरकारी वकील और लोक अभियोजक नामित किया गया। उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश और फिर 2005 में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। इसके बाद 2019 में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए।
हालांकि, जस्टिस गवई का कार्यकाल बहुत लंबा नहीं होगा। वे लगभग 6 महीने तक देश के चीफ जस्टिस रहेंगे, क्योंकि वे नवंबर 2025 में 65 वर्ष की आयु पूरी कर रिटायर हो जाएंगे। हालांकि कार्यकाल छोटा है, लेकिन उनका योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।
जस्टिस गवई का मुख्य न्यायाधीश बनना इसलिए भी खास है क्योंकि वे दलित समुदाय से आने वाले दूसरे CJI होंगे। उनसे पहले जस्टिस के.जी. बालकृष्णन को यह सम्मान मिला था, जो 2007 में भारत के मुख्य न्यायाधीश बने थे। इस तरह, गवई का चयन सामाजिक न्याय और विविधता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।