राज्य सरकार पुलिस को और अधिक सक्षम एवं आधुनिक बनाने के लिए निरंतर उठा रही कदम: भजनलाल

0
images (3)

जयपुर{ गहरी खोज }: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान पुलिस के जवानों के साहस, सेवा भावना और बलिदान को अतुलनीय एवं उन्हें सही मायनों में समाज के असली नायक बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार पुलिस को और अधिक सक्षम एवं आधुनिक बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है।
श्री शर्मा बुधवार को राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस पर परेड निरीक्षण के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस की वर्दी सिर्फ एक कपड़ा नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी, एक वचन और जीवन का एक अर्थ है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी सही मायनों में समाज के असली नायक हैं। वे हर दिन, हर मौसम, हर चुनौती के बावजूद निरंतर सेवा में जुटे रहते हैं। हर संकट में सबसे पहले खड़े होकर जान-माल की सुरक्षा करते हैं।
उन्होंने कहा कि आज का दिन प्रदेश के बहादुर पुलिसकर्मियों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है। पुलिसकर्मी अपने जीवन को समाज की सुरक्षा, शांति एवं कानून व्यवस्था के लिए समर्पित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हुए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कांस्टेबल से सहायक उपनिरीक्षक तक के वर्दी भत्ते को सात हजार रुपये से बढ़ाकर आठ हजार रुपये करने तथा पुलिस निरीक्षक तक के अधिकारियों का मैस भत्ता 2400 रुपये से बढ़ाकर 2700 रुपये करने की घोषणा भी की। श्री शर्मा ने कांस्टेबल से पुलिस निरीक्षक तक के पुलिसकर्मियों को एक्सप्रेस श्रेणी की बसों के अतिरिक्त सेमी डीलक्स बसों में भी निःशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करएए जाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को समय पर पदोन्नति देने के लिए हमारी सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी। हमारी सरकार पुलिसकर्मियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मी समाज की ढाल बनकर हमारी हिफाजत करते हैं। ये कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही समाज के हर वर्ग की सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि अपराध रोकथाम, आपदा प्रबंधन, यातायात नियंत्रण तथा सामाजिक समरसता बनाए रखने सहित पुलिस हर मोर्चे पर मुस्तैदी से डटी रहती है। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग का उद्देश्य केवल अपराधियों को पकड़ना ही नहीं बल्कि समाज में विश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करना भी है।
श्री शर्मा ने कहा कि पुलिस और समाज एक-दूसरे के पूरक हैं। पुलिस और नागरिकों के बीच नियमित संवाद से आमजन में विश्वास के साथ अपराध पर प्रभावी नियंत्रण होता है। सामुदायिक पुलिसिंग के तहत गांवों-मोहल्लों में बैठकें आयोजित की जानी चाहिए जिससे लोगों को पुलिस के कार्यों को समझने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि पुलिस को स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में जाकर कानून और सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। इससे युवाओं में पुलिस के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनेगा। पुलिस को शिकायतों के त्वरित निस्तारण और तकनीक के उपयोग से आपसी विश्वास को मजबूत करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिसकर्मियों के हित में कदम उठा रही है। उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है ताकि कार्य के दौरान आने वाली चुनौतियों के लिए उन्हें अधिक सक्षम बनाया जा सके। इसी दिशा में पुलिस आधुनिकीकरण एवं संबंधित आधारभूत संरचना के लिए 200 करोड़ रुपये का पुलिस मॉडर्नाइजेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड गठित किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश में कानून-व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए 10 हजार पदों पर भर्ती को स्वीकृति प्रदान की गई है। वहीं, 5500 नवीन पदों का सृजन किया गया है तथा इस वर्ष 3500 नवीन पद सृजन प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि पद्मिनी कालीबाई एवं अमृतादेवी महिला पुलिस बटालियनों की स्थापना के लिए पदों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति तथा 500 कालिका पेट्रोलिंग टीम के गठन हेतु प्रथम चरण में एक हजार कांस्टेबल के नवीन पदों के सृजन की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई है। साथ ही, पुलिस विभाग एवं कारागार विभाग में कार्यरत लांगरियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि एवं 250 लांगरी पदों का सृजन भी किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के पुलिस विभाग को सशक्त और आधुनिक बनाने के लिए इसी तरह नवाचार करती रहेगी।
श्री शर्मा ने कहा कि पुलिस मोबेलिटी के लिए लगभग 750 मोटरसाइकिल एवं 500 हल्के वाहन उपलब्ध कराए गए हैं तथा आधुनिक उपकरणों के लिए 27 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस दूरसंचार प्रशिक्षण केंद्र का क्रमोन्नयन एवं विस्तार कर राजस्थान पुलिस तकनीकी प्रशिक्षण अकादमी के रूप में स्थापित किए जाने के लिए नवीन पदों के सृजन की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी दी जा चुकी है। इसी तरह 350 करोड़ रुपये की लागत से पुलिस मुख्यालय के अन्तर्गत सरदार पटेल सेंटर फॉर साइबर कंट्रोल एंड वार रूम की स्थापना की जाएगी। इसी तरह पुलिस को और अधिक प्रभावी एवं कार्यदक्ष बनाने के लिए करीब 60 करोड़ की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *