जिन जगहों पर हिंसा हुई, वह कांग्रेस की सीट… मुस्लिम धर्मगुरुओं और इमामों : सीएम ममता

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नयी दिल्ली { गहरी खोज } :देश में वक्फ कानून को लेकर सियासत गरमा गई है और इस पर सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक घमासान मचा हुआ है। सबसे ज्यादा तीखा विरोध पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद इसके खिलाफ खुलकर मोर्चा संभाल लिया है।
आपको बता दें कि आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में पहुंचीं जहां उन्होंने बड़ी संख्या में मुस्लिम धर्मगुरुओं और इमामों से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने वक्फ कानून को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि बंगाल को बदनाम किया जा रहा है। ममता ने यह भी कहा कि जिन जगहों पर हिंसा हुई है, वहां कांग्रेस की सीटें हैं – यानी अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने हिंसा की ज़िम्मेदारी विपक्ष पर डाल दी।
इस कानून को लेकर मुस्लिम समाज में भारी नाराजगी है। वक्फ को शरीयत का हिस्सा बताते हुए मुस्लिम समुदाय के कई लोग इसे धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप मान रहे हैं। इसी कारण देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन बंगाल में इसका असर सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने संसद में भी इस बिल का जमकर विरोध किया था। लेकिन जब यह बिल पार्लियामेंट से पास हो गया और राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई, तब ममता बनर्जी ने साफ कह दिया कि वे इस कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। इतना ही नहीं, पार्टी की वरिष्ठ सांसद महुआ मोइत्रा ने इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। यानी अब यह मामला न्यायिक लड़ाई के मैदान में भी पहुंच चुका है।
वक्फ कानून अब सिर्फ एक कानूनी विषय नहीं रहा, यह राजनीति, धर्म और संविधान की व्याख्याओं के बीच एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। जहां केंद्र सरकार इसे सुधार की दिशा में एक कदम मान रही है, वहीं मुस्लिम समाज और विपक्षी दल इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बता रहे हैं। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या रुख अपनाता है और यह विवाद किस दिशा में जाता है।

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