किन रूपों में होती है भगवान हनुमान की पूजा, जानिए ग्यारह विग्रहों के 11 फल

0
women-can-also-worship-hanuman-ji-and-can-read-hanuman-chalicha-4

धर्म { गहरी खोज }: हिन्दू धर्म में कलयुग में हनुमान जी की पूजा तुरंत फल देने वाली मानी जाती है, क्योंकि हनुमान जी को अमरत्व का वरदान प्राप्त है। ऐसे में हनुमान जी के 11 विग्रहों की पूजा की जाती है और उनके हर विग्रह की पूजा फल के बारे में अलग-अलग बताया गया है। तो चलिए जानते हैं हनुमान जी के विग्रह के पूजा के अनुसार लोगों को क्या-क्या फल मिलते हैं।

पूर्व मुखी हनुमान जी
पूर्व की तरफ मुख वाले बजरंगबली को वानर रूप में पूजा जाता है। इस रूप में भगवान को बेहद शक्तिशाली और करोड़ों सूर्य के तेज के समान बताया जाता है। शत्रुओं के नाश के लिए बजरंगबली जाने जाते हैं दुश्मन अगर आप पर हावी हो रहा हो तो पूर्व मुखी हनुमान जी की पूजा शुरू कर दें।

पश्चिम मुखी हनुमान जी
पश्चिम की तरफ मुख वाले हनुमान जी को गरुड़ का रूप माना जाता है। इसी रूप को संकट मोचन का स्वरूप भी माना गया है। मान्यता यह है कि भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ अमर है। उसी के समान बजरंगबली भी अमर हैं यही कारण है कि कलयुग के जागृत देवताओं में बजरंगबली को माना जाता है।

उत्तर मुखी हनुमान जी
उत्तर दिशा की तरफ मुख वाले हनुमान जी को ‘शूकर’ कहा गया है।उनकी पूजा उत्तरामुखी के रूप में होती है। एक बात और यह भी है कि उत्तर दिशा मतलब उत्तर पूर्व यानि ईशान कोण देवताओं की दिशा होती है। ये शुभ और मंगलकारी होती है। इस दिशा में स्थापित बजरंगबली की पूजा से इंसान की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। इस ओर मुख वाले भगवान की पूजा आपको धन, दौलत, ऐश्वर्या, प्रतिष्ठा, लंबी आयु के साथ रोग मुक्त बनाती है।

दक्षिण मुखी हनुमान जी
इनको भगवान नरसिंह का रूप माना जाता है। दक्षिण दिशा यमराज की होती है और इस दिशा में हनुमान जी की पूजा से इंसान के अंदर की चिंता और दिक्कतों से मुक्ति होती है। दक्षिण मुखी हनुमान जी बुरी शक्तियों से बचते हैं।

उधवमुखी ईश्वर मुख्य हनुमान जी
उधवमुखी ईश्वर मुख्य हनुमान जी को यानी घोड़े का रूप माना गया है। इस स्वरूप की पूजा करने वालों को दुश्मनों और संकटों से मुक्ति मिलती है। इस स्वरूप को भगवान ने ब्रह्मा जी के कहने पर धारण कर हैग्रिव दैत्य का संहार किया था।

पंचमुखी हनुमान जी
पंचमुखी हनुमान के पांच रूपों की पूजा की जाती है। इसमें हर मुख अलग-अलग शक्तियों का परिचय है।रावण ने जब छल से राम-लक्ष्मण को बंधक बना लिया था। तब हनुमान जी ने पंचमुखी हनुमान का रूप धारण कर अहिरावण से उन्हें मुक्त कराया था। पांच दिए एक साथ बुझाने पर ही श्री राम लक्ष्मण मुक्त हो सकते थे। इसलिए भगवान ने पंचमुखी रूप धारण किया था।

एकादश मुखी हनुमान जी
एकादश मुखी हनुमान जी को रुद्र यानी शिव का 11वां अवतार माना जाता है। चैत्र पूर्णिमा यानी हनुमान जयंती के दिन उन्होंने कालकारमुख राक्षस का वध किया था। एकादश मुखी हनुमान जी की पूजा से ज्ञान, प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि, और उन्नति का रास्ता खुलता है। एकादशी रूप रूद्र यानी शिव का 11वां अवतार है 11 मुख वाले कालकारमुख का वध करने के लिए भगवान ने एक आदर्श मुक्ति का रूप धारण किया था। भक्तों के एकादशी और पंचमुखी हनुमान जी की पूजा सारे ही भगवानों की उपासना के समान मानी जाती है।

वीर स्वरूप हनुमान
वीर स्वरूप हनुमान जी के स्वरूप की पूजा भक्ति, साहस और आत्मविश्वास पाने के लिए करते हैं। इस रूप के जरिए भगवान के बाल साहस पराक्रम को जाना जाता है। अर्थात भगवान श्री राम के कार्य को कर सकता है वह अपने भक्तों के कार्य और कष्ट क्षण में दूर कर सकता है।

भक्त हनुमान स्वरूप
भक्त हनुमान स्वरूप में श्री राम भक्त का रूप है इनकी पूजा करने से आपको भगवान श्री राम का भी आशीर्वाद मिलता है। बजरंगबली की पूजा अर्चना कष्टों को दूर करने वाली होती है इस पूजा से भक्तों में एकाग्रता और भक्ति की भावना जागृत होती है।

दास हनुमान
बजरंगबली का यह स्वरूप श्री राम के प्रति उनकी अनन्य भक्त दिखता है, इस स्वरूप की पूजा करने वाले भक्तों को धर्म कार्य और रिश्ते नाते निभाने में निपुणता हासिल होती है। सेवा और समर्पण का भाव इस स्वरूप के जरिए ही पाते हैं।

सूर्यमुखी हनुमान
यह भगवान सूर्य का रूप माना गया है। सूर्य देव,बजरंगबली के गुरु माने गए हैं। इस स्वरूप की पूजा से ज्ञान प्रतिष्ठा प्रसिद्धि और उन्नति का रास्ता खुलता है क्योंकि श्री हनुमान के गुरु सूर्य देव अपनी इन्हीं शक्तियों के लिए जाने जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *