बीजेपी मेरे खिलाफ ईडी का गलत इस्तेमाल कर रही… लैंड डील मामले में ईडी दफ्तर पहुंचे रॉबर्ट वाड्रा

नयी दिल्ली { गहरी खोज } : प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और लोकसभा सांसद रॉबर्ट वाड्रा को एक बार फिर समन भेजा है। यह समन एक जमीन सौदे से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में भेजा गया है। मंगलवार को जब वाड्रा ईडी दफ्तर पहुंचे, तो उनके साथ कुछ समर्थक भी थे। हालांकि, सुरक्षा कारणों से समर्थकों को दफ्तर के बाहर ही रोक दिया गया और वाड्रा अकेले अंदर गए, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
ईडी दफ्तर जाने से पहले रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें दबाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि उन्होंने अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई थी। वाड्रा ने सीधे तौर पर बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा मेरे खिलाफ ईडी का गलत इस्तेमाल कर रही है।” उन्होंने कहा कि वे किसी से डरने वाले नहीं हैं और जनता की आवाज को लगातार बुलंद करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक की जांच में उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है, लेकिन फिर भी उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने राहुल गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे उन्हें संसद में बोलने से रोका जाता है, वैसे ही अब मुझे भी चुप कराने की कोशिश हो रही है।
इस मामले की जांच गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव की जमीन से जुड़ी है, जिसे वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने साल 2008 में खरीदा था। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, वाड्रा की कंपनी ने 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। कुछ समय बाद, यह जमीन एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी DLF को 58 करोड़ रुपये में बेची गई। ईडी को शक है कि यह सौदा सामान्य नहीं था, और इसमें काले धन को सफेद बनाने यानी मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं। यही वजह है कि ईडी वाड्रा से इस मुनाफे और लेन-देन की पूरी जानकारी हासिल करना चाहती है। वहीं इस मामले पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को भी आरोपी बनाया गया है। आईपीसी की धारा 420, 120, 467, 468 और 471 के तहत इस मामले में केस दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद आईपीसी की धारा 423 के तहत नए आरोप जोड़े गए थे।