संविधान की मूल भावना की हो रही है अवेहलना-पायलट

टोंक { गहरी खोज } : राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने संविधान निर्माता डा भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान को आज पहले से अधिक प्रासंगिक बताते हुए कहा है कि इसकी मूल भावना का आदर करना प्रत्येक नागरिक एवं विशेष रुप से प्रत्येक सरकार की जिम्मेदारी हैं लेकिन दुर्भाग्यवश देश में जो हालात निर्मित हुए है आज सिर्फ अंबेडकर मूर्ति पर फूल मालाए तो चढ़ रही हैं मगर संविधान की मूल भावना की अवेहलना की जा रही हैं। श्री पायलट ने सोमवार को यहां डा अंबेडकर जयंती पर आयोजित समारोह में शामिल होने के अवसर पर मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि डा अंबेडकर जयंती के मौके पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया।डा अंबेडकर जिस संविधान का निर्माण करके गये, वह संविधान आज पहले से अधिक प्रासंगिक हैं। संविधान की मूल भावना का आदर करना प्रत्येक नागरिक एवं विशेष रुप से प्रत्येक सरकार की जिम्मेदारी हैं लेकिन दुर्भागयवश देश में जो हालात निर्मित हुए है आज सिर्फ अंबेडकर मूर्ति पर फूल मालाए चढ़ रही हैं मगर संविधान की जो मूल भावना है, उसकी अवेहलना हो रही हैं। जो वंचित वर्ग एवं शोषित, आदिवासी सबको अलग तरह के माहौल में जीने को विवश आज व्यवस्था ने कर रखा हैं।
उन्होंने कहा कि जिन संवैधानिक संस्थाओं को 70 सालों से अलग अलग सरकारों ने पोषित किया है, वर्तमान सरकार चाहे केन्द्र की हो या राज्य की सरकार, इन संस्थाओं को खोखला एवं कमजोर करने का काम किया गया हैं और यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। अगर डा अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो संविधान का सम्मान हो, सिर्फ भाषण नहीं दिया जाये और अपनी कार्यप्रणाली में सरकार के माध्यम से न्याय पहुंचे। आज दलितों एवं वंचित वर्ग के साथ जानबूझकर प्रताड़ना की जा रही है। असामाजिक तत्वों को छूट मिल रही हैं और उनके हौसले बुलंद क्यों है, देश में अनेक घटनाएं घट रही है जिसकी कोई जवाबदेही तय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य दोनों सरकारों को डा अंबेडकर के बताये रास्ते पर चलना चाहिए।