विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन इन चीजों का करें दान, बन जाएंगे बिगड़े काम!

धर्म { गहरी खोज } : हिन्दू धर्म में विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। जो हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। ‘विकट’ भगवान गणेश के 32 स्वरूपों में से एक हैं, जो बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने वाले माने जाते हैं। इसलिए, इस चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से सभी प्रकार के संकट और परेशानियां दूर होती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी है जो किसी बीमारी, कर्ज, मानसिक तनाव या पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
विकट संकष्टी चतुर्थी को विघ्नहर्ता भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। बुधवार के दिन पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 16 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा। इस दिन चंद्रोदय के समय पूजा का विधान है। ऐसे में 16 अप्रैल को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।
विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
1.विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लें।
2.दिन भर फलाहार करें या निर्जल व्रत रखें।
3.शाम को भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
4.उन्हें सिंदूर, अक्षत, चंदन, फूल, दूर्वा और मोदक अर्पित करें।
5.गणेश चालीसा या संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।
6.चंद्रोदय के बाद चंद्रमा की पूजा करें और उन्हें अर्घ्य दें।
7.अंत में भगवान गणेश की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
इन चीजों का करें दान
काले तिल: काले तिल का दान संकष्टी चतुर्थी पर बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसमें अनेक देवताओं का वास होता है और इसका दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह शरीर को स्वस्थ और बच्चों को दीर्घायु प्रदान करता है।
गुड़: गुड़ का दान करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। यह भाग्य को मजबूत करने में भी सहायक माना जाता है।
घी और नमक: घी का दान स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसे शुभ फलदायी माना गया है और नमक का दान जीवन में सुख-समृद्धि लाता है और बुरी नजर से बचाता है।
अनाज: गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज का दान करना बहुत पुण्य का कार्य है। आप अपनी क्षमतानुसार चावल, गेहूं या कोई अन्य अनाज दान कर सकते हैं।
फल: संकष्टी चतुर्थी के दिन फलों का दान करना भी शुभ माना जाता है। आप केले, सेब, अनार या कोई भी मौसमी फल दान कर सकते हैं।
वस्त्र: गरीबों को वस्त्र दान करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा पीतल या स्टील के बर्तनों का दान भी इस दिन शुभ माना जाता है।
जानवरों के लिए: आप गाय को हरा चारा, कुत्ते को रोटी या पक्षियों को दाना भी डाल सकते हैं। यह भी दान के समान माना जाता है।
दान का महत्व
अगर आप विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन दान करने की सोच रहे हैं तो दान करते समय मन में श्रद्धा और भक्ति का भाव रखना महत्वपूर्ण है। अपनी क्षमतानुसार दान करें और जरूरतमंदों की सहायता करें। ऐसा करने से भगवान गणेश की कृपा आप पर बनी रहेगी और आपके बिगड़े हुए काम बनने लगेंगे। इसके अलावा जीवन में आने वाले कष्टों से भी छुटकारा मिलेगा।