भारत-अमेरिका संयुक्त निसार मिशन के प्रक्षेपण की तिथियों की समीक्षा कर रहे हैं नासा, इसरो

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चेन्नई{ गहरी खोज } :अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारत-अमेरिका संयुक्त निसार उपग्रह मिशन के प्रक्षेपण की संभावित तिथियों की समीक्षा कर रहे हैं।
इसरो के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जायेगा। इसका परीक्षण इसरो की बेंगलुरु स्थित सुविधा में किया गया है और इसे यहां से लगभग 110 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र में ले जाया जायेगा। प्रक्षेपण की तिथि शार रेंज में उपग्रह के आगे के परीक्षणों के बाद प्रक्षेपण विंडो की उपलब्धता के आधार पर मई या जून में होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि निसार एक लो अर्थ ऑर्बिट वेधशाला है जिसे नासा और इसरो की ओर से संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है। यह 12 दिनों में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा तथा पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र के स्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए डेटा प्रदान करेगा।
एक अपडेट में नासा ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि इसरो उपग्रह एकीकरण और परीक्षण प्रतिष्ठान, बेंगलुरु में निसार उपग्रह पर काम पूरा हो चुका है और इसे भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर श्रीहरिकोटा में एजेंसी के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में प्रक्षेपण स्थल पर ले जाने की तैयारी चल रही है। नासा और इसरो अब निसार मिशन के प्रक्षेपण की संभावित तिथियों की समीक्षा कर रहे हैं।
नासा ने कहा है कि वास्तव में उपग्रह को लॉन्च के लिए बेंगलुरु से श्रीहरिकोटा स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन रिफ्लेक्टर एंटीना में कुछ तकनीकी खराबी के कारण इसे वापस ले लिया गया है, जो निसार की रडार प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
नासा ने कहा है कि तकनीकी खराबी की वजह से हुए विलंब के कारण निसार के प्रक्षेपण की तिथि को वर्ष के अंत तक के लिए टाल दिया है।

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