आपका साहस आशा की एक दुर्लभ किरण: महबूबा मुफ्ती

जम्मू कश्मीर{ गहरी खोज } : जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, कर्नाटक के सिद्धारमैया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ खड़े होने के लिए तीनों का आभार जताया है। साथ ही कहा कि, ‘इन अंधेरे समय में आपका साहस और अडिग रुख एक दुर्लभ किरण रही है।’
महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर में वक्फ संशोधन कानून का पूरजोर विरोध कर रही हैं। हाल में जम्मू कश्मीर विधानसभा में पीडीपी ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था। वहीं, अब वह तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर वक्फ कानून के खिलाफ उनके रुख की सराहना की है। उन्होंने कहा, ‘आज के भारत में जहां किसी भी तरह की असहमति को तेजी से अपराध माना जा रहा है, उनकी बेबाक आवाजें ताजी हवा के झोंके की तरह हैं।’
पीडीपी प्रमुख ने अपने पत्र में लिखा, ‘एक दशक से भी अधिक समय से भारत बहुसंख्यकवाद की बढ़ती लहर का सामना कर रहा है, जो बहुलता और विविधता के अपने मूल मूल्यों को खतरे में डाल रहा है। जबकि अधिकांश नागरिक इस एजेंडे को अस्वीकार करते हैं। नफरत और विभाजन को बढ़ावा देने वाले लोग अब हमारे संविधान और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को निशाना बनाकर सत्ता में हैं।’
उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा विशेष रूप से मुसलमानों को भुगतना पड़ रहा है। नए वक्फ कानून को मनमाने ढंग से लागू किया गया है। यह मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करते हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि, ‘ये कार्रवाइयां पहले के अन्यायों जैसे कि विशेष दर्जे को खत्म करना और जम्मू-कश्मीर के विभाजन को दोहराती हैं।’
महबूबा मुफ्ती ने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री को वक्फ कानून के खिलाफ खड़े रहने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘कुछ सिद्धांतवादी आवाज़ों के साथ आप न्याय और भारत के समावेशी विचार के लिए खड़े हुए हैं। मैं अपना गहरा सम्मान और उन कई लोगों का आभार व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं जो खुद को बेज़ुबान और हाशिए पर महसूस करते हैं। आपके निरंतर समर्थन और नेतृत्व से मुझे विश्वास है कि हम अपने संवैधानिक मूल्यों और साझा भविष्य को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।’