बंगाल में वक्फ के खिलाफ हिंसा का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सेंट्रल फोर्स की तैनाती की मांग पर शुभेंदु ने दायर की याचिका

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नयी दिल्ली { गहरी खोज } : वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, हुगली और दक्षिण 24 परगना जिले के इलाके में हिंसा हो रही है। वक्फ के विरोध में हो रही हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अराजकता को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कलकत्ता न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
वक्फ अधिनियम के विरोध के कारण मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों में उग्र स्थिति पैदा हो गई है। धुलियान, सुती और शमशेरगंज सहित कई स्थानों पर झड़पें हो रही हैं। सरकारी बसों और सरकारी संपत्ति को आग लगा दी गई। एक दिन में 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया। कई स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गई है।
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस स्थिति को संभालने में असमर्थ है। ऐसे में उन्होंने अशांत क्षेत्र में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कोर्ट में शुभेंदु अधिकारी के वकील ने कहा मुर्शिदाबाद की आग कोलकाता तक भी फैल गई है। इसकी शुरुआत तीन दिन पहले हुई थी। शमशेरगंज में बीएसएफ को तैनात किया गया है। डीएम का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। मुर्शिदाबाद एक संवेदनशील जिला है। लोगों को असुविधा पहुंचाकर आंदोलन जारी नहीं रखा जा सकता। इस पर जज ने पूछा कि मुर्शिदाबाद के अलावा और कौन से जिले संवेदनशील हैं?
राज्य के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एडीजी रैंक के अधिकारी कानून और व्यवस्था के प्रभारी होते हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर ममता बनर्जी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर आपमें थोड़ी सी भी शर्म है तो इस्तीफा दे दीजिए। आप राज्य में अराजकता की आग भड़काकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रही हैं।
उन्होंने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप उकसावे के लिए जिम्मेदार हैं और अब स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाते देख आप परेशान होकर अपील कर रहे हैं, लेकिन सुनिए, आपके द्वारा बनाए गए इन प्रदर्शनकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे आप पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि आप उन पर निर्भर हैं, इसलिए वे आपकी दलीलों को सुनने के लिए प्रेरित हुए हैं।

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