चैत्र पूर्णिमा पर शुभ संयोग में करें ये उपाय, मां लक्ष्मी की कृपा से बरसेगा धन!

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धर्म { गहरी खोज } : हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के साथ कुछ खास उपाय करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे व्यक्ति का भाग्योदय होने के साथ अपार धन की प्राप्त हो सकती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र मास की पूर्णिमा की तिथि 12 अप्रैल है और इसी दिन हनुमान जयंती भी पड़ने से इस दिन के खास संयोग बन रहे हैं।ऐसे में इस खास पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए, आप भक्ति के साथ इन अनुष्ठानों और प्रथाओं का पालन कर सकते हैं।चैत्र पूर्णिमा को धन, समृद्धि और प्रचुरता के लिए देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक बहुत ही शक्तिशाली समय माना जाता है।

चैत्र पूर्णिमा 2025 का शुभ मुहूर्त
हिंदू नववर्ष की इस पहली और बेहद शुभ माने जानी जा रही चैत्र पूर्णिमा तिथि का आरंभ 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 46 मिनट पर होगा और इस तिथि की समापन 13 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 58 मिनट पर हो जायेगा। उदया तिथि को देखते हुए चैत्र पूर्णिमा का व्रत और पूजन 12 अप्रैल को ही करना तय है।

इस दिन करें ये उपाय खुल जायेंगे धन के स्त्रोत
ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे उपाय देने जा रहे हैं जिससे धन की देवी आप पर धन और वैभव की बारिश कर देंगी क्योंकि इस खास दिन लक्ष्मी को मनाना बेहद सरल है।

पवित्रता और सफाई से शुरुआत करें
अपने घर और आस-पास की सफाई करें।माना जाता है कि देवी लक्ष्मी साफ जगहों पर निवास करती हैं। पूजा शुरू करने से पहले अपने घर को अच्छी तरह से साफ करना सुनिश्चित करें।स्वच्छता नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और समृद्धि का स्वागत करने का प्रतीक है।

पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके सजा लें
पूजा क्षेत्र को स्वच्छ कर लें।वेदी या पूजा स्थल भी साफ-सुथरा कर लें और वहां देवी लक्ष्मी की साफ मूर्ति या चित्र रखें। वहीं पूजा स्थान को ताजे फूलों, रंगोली और दीयों से सजा ले। अगर हो सके तो लाल फूलों और कमल के फूल मां लक्ष्मी को अर्पित करें क्योंकि फूल देवी को बेहद पसंद हैं।

मां लक्ष्मी के ये शक्तिशाली मंत्र पढ़ें
माता के आगे दिया जला लें और हो सके तो कमगट्टे की माला से मंत्रों का 108 जाप करें। श्री सूक्तम और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें या सुनें।यह उन्हें प्रसन्न करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है।लक्ष्मी अष्टाक्षरी मंत्र: देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए शक्तिशाली मंत्र है।

ओम श्रीं महालक्ष्मीयै नमः
“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः” मंत्र का जाप करें।
फल, मिठाई और चावल चढ़ाएं
अनार, केले और आम जैसे ताजे फल चढ़ाएं क्योंकि ये समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक हैं।मिठाई में लड्डू, खीर,दूध और गुड़ से बनी मिठाइयां लक्ष्मी के लिए शुभ प्रसाद माना जाता है।वहीं चावल समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

इस दिन दान-पुण्य अवश्य करें
इस खास दिन लक्ष्मी कृपा पाने के लिए ज़रूरतमंदों को दान देना न भूलें। गरीबों या धार्मिक संस्थाओं को भोजन, कपड़े या पैसे दान में दें।

पशुओं और पक्षियों को भोजन खिलाएं
पशुओं और पक्षियों को भोजन खिलाएं जिसमें विशेष रूप से गाय, कौवे शामिल हों। मां का आशीर्वांद प्राप्त करने के लिए एक शुभ कार्य माना जाता है।

चैत्र पूर्णिमा पर उपवास रखें
चैत्र पूर्णिमा पर भक्त शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए व्रत रखते हैं। आप भी इस दिन अनाज से परहेज करके उपवास कर सकते हैं।वहीं सकारात्मक विचारों और ध्यान केंद्रित करने का धार्मिक व्रत भी रखें तो मां शीध्र प्रसन्न हो जायेंगी।
साथ ही इस दिन प्यार और सकारात्मकता फैलाएं,पूरे दिन दयालु और करुणामय रहें।देवी लक्ष्मी उन लोगों से प्रसन्न होती हैं जो ईमानदारी, कृतज्ञता और प्रेम के साथ अनुष्ठान करते हैं।

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