पंजाब में पुनः दस्तक दे रहा आतंकवाद

मुख्य संपादक{ गहरी खोज } : पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता व पंजाब के पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के घर पर आधी रात को जिस तरह आतंकियों ने धमाका किया है वह एक अति चिंता का विषय है। मनोरंजन कालिया का घर शहर के बीचों बीच है और चंद कदमों की दूरी पर पुलिस चौकी नं. 3 है। आतंकियों के हौसले पिछले वर्षों से बढ़ते चले जा रहे हैं। बटाला के अन्तर्गत आते थाना किला लाल सिंह पर भी आतंकियों ने तीन धमाके किए जिसकी सोशल मीडिया पर जिम्मेवारी बब्बर खालसा ने ली है।
उपरोक्त दोनों घटनाओं ने एक बार फिर 1980-90 के दशक की याद ताजा करा दी है। 1980-90 के दशक में भी इसी तरह की घटनाओं से आतंकवाद शुरू हुआ था और समय बीतने के साथ वह देश की स्वतंत्रता को तो चुनौती दे ही रहा था साथ में पंजाब के घर-आंगन में खून की होली भी खेल रहा था। आतंकवाद के पनपने का मुख्य कारण पंजाब की राजनीति ही थी, तब भी पंजाब व केंद्र टकराव वाली स्थिति में थे और आज भी पंजाब व केंद्र टकराव वाली स्थिति में है। टकराव के कारण अलग हो सकते हैं। पंजाब में आतंकवाद के पैर पसारने में इस टकराव की स्थिति ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आम आदमी पार्टी जब से पंजाब में सत्ता में आई है तभी से आतंकवादियों ने धीरे-धीरे ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जिन पर इस कारण अधिक ध्यान नहीं दिया गया। क्योंकि आम आदमी पार्टी को एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी के रूप में ही पंजाबियों ने देखा और अपनाया। दूसरी तरफ आतंकियों ने राजनीतिक परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए जहां नफरत का जाल बिछाया वहीं पंजाबियों के खून के साथ अपने हाथ रंगे और पंजाब की बहु-बेटियो की इज्जत से भी खिलवाड़ किया।
प्रदेश और देश की सरकारों को जब होश आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हजारों की तादाद में हिन्दू और सिख आतंकवाद का शिकार हो चुके थे। परिणामस्वरूप देश को आपरेशन ब्लू स्टार और देश में सिख विरोधी दंगे देखने पड़े। इससे पहले कि विदेशों में बैठे गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसों के नापाक इरादे पंजाब में कोई गुल खिलाएं प्रदेश और देश की सरकारों को पंजाब में पुनः दस्तक दे रहे आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर नकेल डालनी होगी।
आतंकियों का खेल 4 नवम्बर 2022 में अमृतसर में हिन्दू नेता सुधीर सूरी की सुरक्षा कर्मियों के सामने दिन-दिहाड़े हत्या करने के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं- 7 से 10 मई, 2023 अमृतसर में गोल्डन टेम्पल के पास हेरिटेज स्ट्रीट पर तीन कम तीव्रता के बम धमाके हुए, जिसमें छह लोग घायल हुए। 23-24 नवम्बर, 2024 को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर एक आईईडी प्लांट किया गया, लेकिन यह विस्फोट नहीं हुआ और पुलिस ने इसे निष्क्रिय कर दिया। 28 नवम्बर, 2024 को अमृतसर की गुरबख्श नगर पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंका गया, जिससे धमाका हुआ। 4 दिसंबर 2024 को अमृतसर के मजीठा पुलिस स्टेशन में एक धमाका हुआ जिसे पुलिस ने प्रारंभ में टायर फटने का मामला बताया, लेकिन बाद में इसे विस्फोटक हमला माना गया। 17 दिसंबर 2024 को इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड हमला हुआ। 20 दिसंबर 2024 को गुरदासपुर जिले के वडाला बांगड़ गांव में स्थित एक परित्यक्त पुलिस चौकी पर देर रात धमाका हुआ। 9 जनवरी, 2025 को अमृतसर की गुमटाला पुलिस चौकी के पास एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के वाहन में विस्फोट हुआ। गैंगस्टर हैप्पी पासिया ने इसकी जिम्मेदारी ली। 3 फरवरी, 2025 को अमृतसर के फतेहगढ़ चूड़ियां बाईपास के निकट एक गैर-क्रियाशील पुलिस चौकी पर रात 8:20 बजे एक ग्रेनेड हमला हुआ। 16 मार्च, 2025 को अमृतसर के खंडवाला क्षेत्र में स्थित ठाकुर द्वारा मंदिर पर देर रात दो हमलावरों ने मोटरसाइकिल से आकर एक विस्फोटक उपकरण फेंका, जिससे मंदिर की दीवार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
पिछले दिनों फिल्लौर में डा. भीम राव अम्बेडकर की मूर्ति से छेड़छाड़ हुई। उपरोक्त सब तथ्य यही संदेश दे रहे हैं कि पंजाब में पुनः आतंकवाद दस्तक दे रहा है। पंजाब व भारत सरकार को उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जहां प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की आवश्यकता है वहीं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकियों के नापाक इरादों को जगजाहिर करते हुए उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की भी आवश्यकता है।